धारा 121 क्या है?
हम मे से बहुत से लोगो ने देखा होगा कि भारत सरकार के विरूद्ध लड़ने अथवा युद्ध कराने का षडयंत्र करता है और साथ सरकार से युद्ध कराने का दुष्प्रेरण कराता है तो भारत सरकार ने संविधान मे ऐसे दुष्प्रेरण के लिये भारतीय दंड संहिता की धारा-121 के अन्तर्गत, वह दंड का भागीदार होगा ।
भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के अनुसार-
जो कोई भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करेगा, या ऐसा युद्ध करने का प्रयत्न करेगा या ऐसा युद्ध करने का दुष्प्रेरण करेगा, तो उसे मृत्युदण्ड या आजीवन कारावास से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
लागू अपराध
कोई इंसान भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करना या करने का प्रयत्न या दुष्प्रेरण करना तो मृत्यु दण्ड या आजीवन कारावास अथवा आर्थिक दण्ड का भागीदार होगा । यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय व्दारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
अपराध
अपराध करने की आपराधिक साजिश, मौत से दंडनीय, आजीवन कारावास या 2 साल या ऊपर की अवधि के लिए कठोर कारावास
किसी भी अन्य आपराधिक साजिश
सजा
जिस अपराध को करने या उकसाने के लिए जो भी दंड अपराध अनुसार
6 महीने कारावास या जुर्माना अथवा दोनों
प्रकृति संज्ञेय
अपराध के अनुसार ही संज्ञेय अथवा असंज्ञेय अपराध को परिभाषित हो पायेगा ।
असंज्ञेय
जमानत
अपराध के अनुसार ही संज्ञेय अथवा असंज्ञेय अपराध को परिभाषित हो पायेगा ।
जमानती
विचारणीय
अपराध के स्तर पर ही
मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी