नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 108 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 108, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 108 का विवरण
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 108 के अन्तर्गत जब प्रश्न यह है कि कोई मनुष्य जीवित है या मर गया है और यह साबित किया गया है कि उसके बारे में सात वर्ष से उन्होंने कुछ नहीं सुना है, जिन्होंने उसके बारे में यदि वह जीवित होता तो स्वाभाविकतयः सुना होता, तब यह साबित करने का भार कि वह जीवित है उस व्यक्ति पर चला जाता है, जो उसे प्रतिज्ञात करता है।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 108 के अनुसार
यह साबित करने का भार कि वह व्यक्ति, जिसके बारे में सात वर्ष से कुछ सुना नहीं गया है, जीवित है-
परन्तु जबकि प्रश्न यह है कि कोई मनुष्य जीवित है या मर गया है और यह साबित किया गया है कि उसके बारे में सात वर्ष से उन्होंने कुछ नहीं सुना है, जिन्होंने उसके बारे में यदि वह जीवित होता तो स्वाभाविकतयः सुना होता, तब यह साबित करने का भार कि वह जीवित है उस व्यक्ति पर चला जाता है, जो उसे प्रतिज्ञात करता है।
Burden of proving that person is alive who has not been heard of for seven years-
Provided that when the question is whether a man is alive or dead, and it is proved that he has not been heard of for seven years by those who would naturally have heard of him if he had been alive, the burden of proving that he is alive is shifted to the person who affirms it.
हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 108 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
बढ़िया जानकारी सेक्शन 108 एविडेंस एक्ट के बारे में