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आईपीसी-468 छल के प्रयोजन से कूटरचना (IPC-468 in hindi Forgery for purpose of cheating.)

धारा 468 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता में आज हम आपको बहुत ही महत्वपूर्ण धारा के बारे में बताने जा रहे हैं। यह धारा उन व्यक्तियो पर लागू होती है जो किसी दस्तावेज अथवा किसी इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखो में छल करने के उद्देश्य से छेड़खानी करते है। हम में से बहुत व्यक्तियो को छल के बारे में नहीं पता होगा । आज हम बात करते है IPC की धारा-468 के बारे में विस्तार से पूर्ण जानकारी और क्या सजा मिलेगी साथ ही जमानत मिलती है या नहीं।

आईपीसी धारा 468 के अनुसार –

छल के प्रयोजन से कूटरचना-

जो कोई कूटरचना इस आशय से करेगा कि [वह दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख जिसकी कूटरचना की जाती है,] छल के प्रयोजन से उपयोग में लायी जाएगी, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

Forgery for purpose of cheating-
Whoever commits forgery, intending that the [document or electronic record forged] shall be used for the purpose of cheating, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.

लागू अपराध

छल के प्रयोजन के लिए कूटरचना।
सजा- सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना।
यह अपराध एक गैर-जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

साधारण भाषा में (छल के प्रयोजन से कूटरचना) Forgery for purpose of cheating का अर्थ-

साधारण भाषा में हम समझ सकते जो कोई व्यक्ति छल का सहारा लेकर किसी भी दस्तावेज अथवा किसी इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों में छेड़छाड़ करता है तो वह धारा 468 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने का अथवा दोनों भी भागीदार होगा।

सजा का प्रावधान

कोई व्यक्ति, किसी से छल करने के लिए किसी प्रकार का झूठा दस्तावेज़ बनाना अपराध होता है भारतीय दंड संहिता की धारा 468 के अनुसार इसके लिए सजा – 7 वर्ष का कारावास साथ में आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है | यह एक गैर जमानती, संज्ञेय अपराध है और यह प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा ही विचारणीय है।

जमानत (Bail) का प्रावधान

IPC की धारा 468 जब भी लगाई जाएगी इसका मतलब है कि छल करने के लिए किसी प्रकार का झूठा दस्तावेज़ बनाने का अपराध हुआ है|उसके अंतर्गत यह एक गैर जमानती और संज्ञेय अपराध है, जिसका अर्थ यह हुआ कि अगर किसी व्यक्ति द्वारा यह अपराध कारित होता है, तो इसमें तुरंत बेल नहीं होगी । आपको यह जानना जरूरी है कि इस धारा के अंतर्गत पुलिस किये गए अपराध का संज्ञान ले सकती है।

अपराधसजाअपराध श्रेणीजमानतविचारणीय
छल के प्रयोजन के लिए कूटरचना।सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना।संज्ञेयगैर-जमानतीयप्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 468 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

1 thought on “आईपीसी-468 छल के प्रयोजन से कूटरचना (IPC-468 in hindi Forgery for purpose of cheating.)”

  1. Agar koi govt official contractor ko nuksan pahuchana ka liya uska bare ma chief minister office ma letter bejhta haa ki contractor black mail or or nuisance creator or misbehave karta haa 2012 ma .or uss letter ka paryog other official bi karte haa or 2020 maa vahi officer eak letter contractor ko deta haa ki maine investigation kat lii haa ki contractor na hi blackmailor haa na nuisance creator haa or na hii staff sa misbehave kiya haa. Usi base par contractor ko Hon’ble high court sa bi order milta haa clearance of black mailor ka 23/8/2022 ma or 397 criminal revision ma notice bi opp party ko reply ka pending haa. Tho ub contractor ko defamation ka case file karna chahie yah proof ka sath 200 ki complaint section 468,471. 420 ko leta 499 ,5oo ma statement dekar summon koi karwai karni chahie. Kindly guide. Thanks with regards

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