किसानो के हित या किसानो के अहित मे, जो सांसद मे विधेयक बिल पास किये गये है, वह क्या बिल है, जिनसे हरियाण और पंजाब के किसान भडक रहे है, कौन भडका रहा है इन्हे, वैसे कहा जा सकता है, भारत मे जो भी सरकार अध्यादेश पास करती है, विपक्ष सरकार हमेशा उनका विरोध करती है, चाहे किसी के हित मे या अहित मे, इन तीनो बिलो मे कहा क्या गया है आइये जानते है –
किसानो व्दारा अपना ही टैक्टर फूकते हुये तस्वीर
किसान और हमारे जवान हमारी रीढ की हड्डी है अगर दोनो मे किसी को भी तकलीफ होती है तो मानव समाज के लिये सबसे बडा अभिषाप होगा । क्योकि किसान भी हमे जीवन देते है और जवान हमारे जीवन की रक्षा करते है ।
आइये जानते है वह ऐसे कौन से विधेयक बिल है, जिनसे किसान और कुछ विपक्षी नेता नाखुश है –
01- (आवश्यक वस्तु अधिनियम भण्डारण विधेयक)- आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक (Essential Commodities Amendment Bill 2020 यह प्रस्तावित कानून आवश्यक वस्तुऐ जैसे- अनाज, दाल, तिलहन, प्याज और आलू जैसी कृषि उपज को युद्ध, अकाल, असाधारण मूल्य वृद्धि व प्राकृतिक आपदा जैसी असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर सामान्य परिस्थितियों में हटाने का प्रस्ताव करता है तथा इस तरह की वस्तुओं पर लागू भंडारण की सीमा भी समाप्त हो जायेगी । इससे स्पष्ट हो जायेगा कोई भी किसान अथवा भण्डार गृह युद्ध तथा आपदा स्थिति को छोडकर ही भंडारण कर पायेगे । युद्ध तथा आपदा स्थिति मे मनमाने ढंग से भंडारण अथवा मनमाने ढंग से किसी खाद्घ वस्तु को नही बेंच पायेगें ।
इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में (FDI) एफडीआई (सरकार का खाद्घ भण्डारण) को आकर्षित करने के साथ-साथ मूल्य स्थिरता लाना है । क्योकि पहले (MSP) न्यूनतम् समर्थन मूल्य किसानो के खाद्घ पदार्थो को न्यूनतम् मूल्य के अनुसार किसानो से FDI मे भण्डारण करती थी, जिसमे केवल 6% ही किसान (FDI) एफडीआई को बेंच पाते थे और 94% किसान भटकते रहते थे क्यू उन्हे मौका ही नही दिया जाता था, लेकिन अब वे (FDI) एफडीआई अथवा CONTACT FARMING और PRICE BEFORE FARMING के तहत भी प्राइवेट कम्पनियों को बेंच पायेगे ।
02- (मूल्य आवशासन पर बन्दोबस्त सुरक्षा समझौता)- इस प्रस्तावित कानून के तहत किसानों को उनके होने वाले कृषि उत्पादों को पहले से तय दाम पर बेचने के लिये कृषि व्यवसायी फर्मों, प्राइस बीफोर फार्मिंग प्रोसेसर, थोक विक्रेताओं, निर्यातकों या बड़े खुदरा विक्रेताओं के साथ अनुबंध करने का अधिकार मिलेगा।
इससे किसान का अपनी फसल को लेकर जो जोखिम रहता है वह उसके उस खरीदार की तरफ जायेगा जिसके साथ उसने अनुबंध किया है। उन्हें आधुनिक तकनीक और बेहतर इनपुट तक पहुंच देने के अलावा, यह किसान की लागत को कम करके किसान की आय को बढ़ावा देता है ।
03- (कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य) – प्रस्तावित कानून का उद्देश्य किसानों को अपने उत्पाद नोटिफाइड ऐग्रिकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (APMC) यानी तय मंडियों से बाहर बेचने की छूट देना है। इसका लक्ष्य किसानों को उनकी उपज के लिये प्रतिस्पर्धी वैकल्पिक व्यापार माध्यमों से लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराना है। इस कानून के तहत किसानों से उनकी उपज की बिक्री पर कोई सेस या फीस नहीं ली जाएगी । यह किसानों के लिये नये विकल्प उपलब्ध करायेगा। उनकी उपज बेचने पर आने वाली लागत को कम करेगा, उन्हें बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करेगा। इससे जहां ज्यादा उत्पादन हुआ है उन क्षेत्र के किसान कमी वाले दूसरे प्रदेशों में अपनी कृषि उपज बेचकर बेहतर दाम प्राप्त कर सकेंगे ।