नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 142 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 142? साथ ही हम आपको IPC की धारा 142 सम्पूर्ण जानकारी एवम् परिभाषा भी जानेंगे। इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 142 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 142 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई यह जानते हुए कि यह गैरकानूनी सभा है, इसका उद्देश्य सिर्फ लोक शांति भंग करना है, उस सभा का निर्माण करते है या फिर भी उस सभा में सम्मलित होता है, या बना रहता है, वह उस विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य है, तब यह कहा जाता है। यह भारतीय दंड संहिता की धारा 142 विधिविरुद्ध जमाव को परिभाषित करती है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 142 इसी विषय के बारे में बतलाती है।
आईपीसी की धारा 142 के अनुसार-
विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य होना-
जो कोई उन तथ्यों से परिचित होते हुए, जो किसी जमाव को विधिविरुद्ध जमाव बनाते हैं, उस जमाव में साशय सम्मिलित होता है, या उसमें बना रहता है, वह विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य है, यह कहा जाता है।
Being member of unlawful assembly-
Whoever, being aware of facts which render any assembly an unlawful assembly, intentionally joins that assembly, or continues in it, is said to be a member of an unlawful assembly.
विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य होना किसे कहते है?
विधिविरुद्ध जमाव (या गैरकानूनी सभा) जानबूझकर लोक शांति भंग करने के इरादे लेकर जब कोई व्यक्तियों का समूह मिलकर कोई सभा का निर्माण करते है या रखते है, या किसी सभा में शामिल होते है, अथवा सब कुछ जानते हुए भी उस सभा में बने रहते है, तो हम उनको विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य होना कहते है।
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 142 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आप के पास कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।