नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 168 के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 168? साथ ही हम आपको IPC की धारा 168 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 168 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 168 के अंतर्गत जो कोई लोक सेवक होते हुए,ऐसे लोक सेवक के नाते इस बात के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए कि वह व्यापार में न लगे, व्यापार में लगेगा तो यह धारा 168 के अंतर्गत दंडित किया जाएगा। जिसके लिए वह दंड व जुर्माने का भागीदार होगा। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 168 इसी विषय के बारे में बतलाती है।
आईपीसी की धारा 168 के अनुसार-
लोक सेवक, जो विधिविरुद्ध रूप से व्यापार में लगता है-
जो कोई लोक सेवक होते हुए और ऐसे लोक सेवक के नाते इस बात के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए कि वह व्यापार में न लगे, व्यापार में लगेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
Public servant unlawfully engaging in trade-
Whoever, being a public servant, and being legally bound as such public servant not to engage in trade, engages in trade, shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to one year, or with fine, or with both.
लागू अपराध
लोक सेवक, जो विधिविरुद्ध रूप से व्यापार में लगता है।
सजा- एक वर्ष के लिए सदा कारावास या जुर्माना या दोनो।
यह एक जमानतीय, गैर-संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता योग्य नही है।
सजा (Punishment) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 168 के अंतर्गत जो कोई लोकसेवक होते हुए, ऐसे लोक सेवक के नाते विधिविरुद्ध रूप से व्यापार में लगता है तो वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
जमानत (Bail) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 168 के अंतर्गत ऐसे अपराध कारित करने वाले व्यक्ति जमानत (Bail) कराना आवश्यक है, यह अपराध जमानतीय होने के कारण जमानत आसानी से मिल जाती है।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
लोक सेवक, जो विधिविरुद्ध रूप से व्यापार में लगता है। | एक वर्ष के लिए सदा कारावास या जुर्माना या दोनो। | गैर-संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 168 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।