नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको आईपीसी की रोचक धारा के बारे में बताएंगे। जो कोई चोरी करने के लिए, या चोरी करने के पश्चात् निकल भागने के लिए, या चोरी की हुई संपत्ति को रखने के लिए किसी व्यक्ति को मृत्यु का भय दिखाकर या चोट पहुंचाकर या भय कारित करके चोरी करने की तैयारी करेगा तो वह भारतीय दण्ड संहिता की धारा 382 के अंतर्गत दंडनीय होगा, साथ ही वह कारावास और जुर्माने अथवा दोनो से दंडित किया जाएगा। आइए जानते है, क्या कहती है ? धारा 382 साथ ही सम्पूर्ण जानकारी आपको इस लेख के माध्यम से देंगे।
धारा 382 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में आज हम बात करेंगे धारा 382 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। यदि कोई चोरी करने के लिए किसी की मृत्यु का भय दिखाकर या चोट देकर या भय कारित करके चोरी करने की तैयारी करके चोरी करता तो वह व्यक्ति भारतीय दण्ड संहिता की धारा 382 के अंतर्गत अपराधी होगा। इस लेख के माध्यम से हम आपको दंड, जमानत कैसे मिलेगी और इत्यादि की जानकारी आप को देगें। ।
आईपीसी की धारा 382 के अनुसार-
चोरी करने के लिये मृत्यु, उपहति या अवरोध कारित करने की तैयारी के पश्चात् चोरी-
जो कोई चोरी करने के लिये, या चोरी करने के पश्चात् निकल भागने के लिए, या चोरी द्वारा ली गई सम्पत्ति को रखे रखने के लिये, किसी व्यक्ति की मृत्यु या उसे उपहति या उसका अवरोध कारित करने की, या मृत्यु का, उपहति का, या अवरोध का भय कारित करने की तैयारी करके चोरी करेगा, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
Theft after preparation made for causing death, hurt or restraint in order to the committing of the theft-
Whoever commits theft, having made preparation for causing death, or hurt, or restraint, or fear of death, or of hurt, or of restraint, to any person, in order to the committing of such theft, or in order to the effecting of his escape after the committing of such theft, or in order to the retaining of property taken by such theft, shall be punished with rigorous imprisonment for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.
दृष्टान्त
(क) य के कब्जे में की सम्पत्ति पर क चोरी करता है और यह चोरी करते समय अपने पास अपने वस्त्रों के भीतर एक भरी हुई पिस्तौल रखता है, जिसे उसने य द्वारा प्रतिरोध किए जाने की दशा में यकी उपहति करने के लिए अपने पास रखा था। क ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।
(ख) क, य की जेब काटता है, और ऐसा करने के लिए अपने कई साक्षियों को अपने पास इसलिए नियुक्त करता है कि यदि य यह समझ जाए कि क्या हो रहा है और प्रतिरोध करे, या क को पकड़ने का प्रयत्न करे, तो वह वे य का अवरोध करें। क ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।
लागू अपराध
चोरी करने के लिए या उसके करने के या नियोक्ता के कब्जे की सम्पत्ति को रखे रखने के लिए मृत्यु या उपहति कारित करने या अवरोध कारित करने अथवा मृत्यु या उपहति या अवरोध का भय कारित करने की तैयारी के पश्चात्, चोरी।
सजा- दस वर्ष के लिए कठोर कारावास और जुर्माना, अथवा दोनो का भागीदार होगा।
यह एक गैर जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौते योग्य नही है।
सजा (Punishment) का प्रावधान
जो कोई किसी की संपत्ति चोरी करने के लिए किसी व्यक्ति को मृत्यु का भय दिखाकर या चोट पहुंचाकर अथवा चोरी करने के लिए भय कारित करके चोरी की योजना बना कर चोरी करता है तो वह व्यक्ति दस वर्ष के लिए कठोर कारावास और जुर्माना अथवा दोनो का भागीदार हो सकता है।
जमानत (Bail) का प्रावधान
यह अपराध एक गैर जमानतीय, संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। यह अपराध गैर जमानतीय होने के कारण जमानत आसानी से नही मिल पाएगी। न्यायालय द्वारा ट्रायल के पश्चात् ही दोषी या निर्दोष साबित होगा।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
चोरी करने के लिए या उसके करने के या नियोक्ता के कब्जे की सम्पत्ति को रखे रखने के लिए मृत्यु या उपहति कारित करने या अवरोध कारित करने अथवा मृत्यु या उपहति या अवरोध का भय कारित करने की तैयारी के पश्चात्, चोरी। | दस वर्ष के लिए कठोर कारावास और जुर्माना, अथवा दोनो। | संज्ञेय | गैर-जमानतीय | प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 382 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी , फिर भी अगर आपके पास कोई सवाल हो,तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है ।