नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 393 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 393 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 393 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 393 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई लूट करने का प्रयत्न करेगा, तो वह धारा 393 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
आईपीसी की धारा 393 के अनुसार
लूट करने का प्रयत्न-
जो कोई लूट करने का प्रयत्न करेगा, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जायगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
Attempts to commit robbery-
Whoever attempts to commit robbery shall be punished with rigorous imprisonment for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.
लागू अपराध
लूट करने का प्रयत्न।
सजा- सात वर्ष के लिए कठिन कारावास और जुर्माना।
यह अपराध एक गैर-जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौते योग्य नहीं है।
जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 393 के अंतर्गत जो कोई लूट करने का प्रयत्न करेगा, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जायगा और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
जमानत (Bail) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 393 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर-जमानतीय (Non-Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत नहीं मिल सकेगी।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
लूट करने का प्रयत्न। | सात वर्ष के लिए कठिन कारावास और जुर्माना। | संज्ञेय | गैर-जमानतीय | प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 393 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।