नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 411 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 411 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 411 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 411 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई किसी चुराई हुई संपत्ति को, यह जानते हुये या विश्वास करने का कारण रखते हुये कि वह चुराई हुई सम्पत्ति है, बेईमानी से प्राप्त करेगा या रखेगा, तो वह धारा 411 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
आईपीसी की धारा 411 के अनुसार
चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना-
जो कोई किसी चुराई हुई संपत्ति को, यह जानते हुये या विश्वास करने का कारण रखते हुये कि वह चुराई हुई सम्पत्ति है, बेईमानी से प्राप्त करेगा या रखेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
Dishonestly receiving stolen property- Whoever dishonestly receives or retains any stolen property, knowing or having reason to believe the same to be stolen property, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, or with fine, or with both.
लागू अपराध
चुराई हुई संपत्ति को उसे चुराई हुई जानते हुए, बेईमानी से प्राप्त करना।
सजा- तीन वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनो।
यह अपराध एक गैर-जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौते योग्य नहीं है।
जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 411 के अंतर्गत जो कोई किसी चुराई हुई संपत्ति को, यह जानते हुये या विश्वास करने का कारण रखते हुये कि वह चुराई हुई सम्पत्ति है, बेईमानी से प्राप्त करेगा या रखेगा, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा या जुर्माने से या दोनो से भी दण्डनीय होगा।
जमानत (Bail) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 411 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर-जमानतीय (Non-Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत नहीं मिल सकेगी।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
चुराई हुई संपत्ति को उसे चुराई हुई जानते हुए, बेईमानी से प्राप्त करना। | तीन वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनो। | संज्ञेय | गैर-जमानतीय | किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 411 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
आदरणीय अधिवक्ता महोदय आईपीसी सेक्शन 411 412 413 379 120 के संबंध में जानकारी उपलब्ध करवाएं धाराओं का दुरुपयोग कर पुलिस विभाग कई तरह से चोथ वसुली का कार्य कर रही है आपसे अनुरोध करता हूं इस विषय पर आपके पास कोई जानकारी हो तो बंद करवाएं अन्यथा किसी अधिवक्ता का रेफरेंस सादर प्रेम प्रकाश सोनी जोधपुर राजस्थान
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