नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 197 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 197? साथ ही हम आपको IPC की धारा 197 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 421 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में आज हम आपको महत्वपूर्ण धारा 421 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। हम में से बहुत लोगो के मन में सवाल उठता होगा, कोई व्यक्ति, किसी व्यक्ति अपनी संपत्ति बेचने में लेनदारो के मध्य धन की बेईमानी कर लेना अथवा छल-कपट पूर्वक धन को अपसारण करता या छिपाता है तो वह दंड का भागीदार होता है। इस लेख के माध्यम से हम आपको दंड, जमानत कैसे मिलेगी इत्यादि की जानकारी आप को देगें।
आईपीसी की धारा 421 के अनुसार –
लेनदारों में वितरण निवारण करने के लिए संपत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाना-
जो कोई किसी संपत्ति का अपने लेनदारों या किसी अन्य व्यक्ति के लिए लेनदारों के बीच विधि के अनुसार वितरित किया जाना तद्द्वारा निवारित करने के आशय से, या तद्द्वारा सम्भाव्यतः निवारित करेगा, यह जानते हुए उस संपत्ति को बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारित करेगा या छिपाएगा या किसी व्यक्ति को परिदत्त करेगा या कराएगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा।
dishoneshtly or fraudulent removal or concealment of property to prevent distribution among creditors-
whoever dishonestly or fraudulently removers, conceals or delivers to any person, or transfer or causes to be transferred to any person, without adequate consideration, any property, intending thereby to prevent, or knowing it to be likely that he will thereby prevent, the distribution of that property according to law among his creditors or the creditors of any other person, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extended to two years, or with fine, or with both.
IPC Section- 421 का क्या अर्थ ?
यदि कोई व्यक्ति, किसी व्यक्ति की संपत्ति की धोखाधड़ी, छिपाता या संपत्ति मालिक को संपत्ति से हटाता है अथवा संपत्ति लेनदेन को लेकर बेईमानी करता है अथवा बेईमानी से किसी की संपत्ति को किसी और को हस्तांतरित करता है या कराता है अथवा लेनदारो के वितरण करने के लिए कपटपूर्वक बांटता या छिपाता है तो यह भारतीय दण्ड संहिता की धारा 421 लागू होगी।
IPC की धारा 421 के अंतर्गत पीड़ित व्यक्ति ऐसा अपराध करने वाले व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज करा सकता है। दोषी व्यक्ति को 2 वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों का भागीदार हो सकेगा।
नोट- किसी भी संपत्ति को लेकर झूठा प्रतिनिधित्व करना भी भारतीय दंड संहिता की धारा 421, के तहत धोखाधड़ी का अपराध करने के लिए आवश्यक अवयवों में से एक माना जाता है। संपत्ति की धोखाधड़ी जैसे अपराध कराने के लिए किसी व्यक्ति को गलत प्रतिनिधित्व करना भी दंडनीय होगा, बेशर्ते यह प्रमाणित हो जाए, वह व्यक्ति भी ऐसे कृत्य में शामिल हो।
लागू अपराध
लेनदारो में वितरण निवारित करने के लिए संपत्ति का अपसारण या छिपाना।
सजा– 2 वर्ष के लिए कारावास या आर्थिक दंड या दोनों का भागीदार होगा।
यह एक जमानती, असंज्ञेय अपराध है और किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध न्यायालय की अनुमति से ही पीड़ित व्यक्ति के साथ समझौता करने योग्य है।
सजा (Punishment) का प्रावधान
यदि कोई व्यक्ति, किसी व्यक्ति की संपत्ति की धोखाधड़ी, छिपाता या संपत्ति मालिक को संपत्ति से हटाता है अथवा संपत्ति लेनदेन को लेकर बेईमानी करता है अथवा बेईमानी से किसी की संपत्ति को किसी और को हस्तांतरित करता है या कराता है अथवा लेनदारो के वितरण करने के लिए कपटपूर्वक बांटता या छिपाता है तो, हमारे संविधान में ऐसे अपराधों के लिए दण्ड का प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 421 में किया गया है। संपत्ति की धोखाधड़ी जैसे अपराध करने की सजा 2 वर्ष के लिए कारावास या आर्थिक दंड या दोनो का भागीदार होगा।
जमानत (Bail) का प्रावधान
यह अपराध एक जमानतीय, असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। यह अपराध जमानतीय होने के कारण आसानी से जमानत मिल सकेगी।
जब भी किसी व्यक्ति को IPC की धारा 421, के अंतर्गत गिरफ्तार किया जाता है, तो वह सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकता है। न्यायाधीश द्वारा आसानी से अभियुक्त को जमानत प्रदान कर दी जाती है।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
लेनदारो में वितरण निवारित करने के लिए संपत्ति का अपसारण या छिपाना। | 2 वर्ष के लिए कारावास या आर्थिक दंड या दोनों। | गैर-संज्ञेय | जमानतीय | किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा |
हमारा प्रयास धारा 421 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, अगर आपके मन में कोई सवाल हो,तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है ।