नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 454 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 454 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 454 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 454 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई किसी व्यक्ति को उपहति कारित करने की, या किसी व्यक्ति पर हमला करने की, या किसी व्यक्ति का सदोष अवरोध करने की, अथवा किसी व्यक्ति को उपहति के, या हमले के, या सदोष अवरोध के भय में डालने की तैयारी करके गृह-अतिचार करेगा, तो वह धारा 454 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
आईपीसी की धारा 454 के अनुसार
कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिए प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन—
जो कोई कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिये प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा, तथा यदि वह अपराध, जिसका किया जाना आशयित हो, चोरी हो, तो कारावास की अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी।
Lurking house-trespass or house-breaking in order to commit offence punishable with imprisonment-
Whoever commits lurking house-trespass or house-breaking in order to the committing of any offence punishable with imprisonment, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, and shall also be liable to fine; and if the offence intended to be committed is theft, the term of the imprisonment may be extended to ten years.
लागू अपराध
कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिए प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन।
सजा- तीन वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना।
यदि वह अपराध चोरी है।
सजा- दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना।
यह अपराध एक गैर-जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 454 के अंतर्गत जो कोई कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिये प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन करेगा, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा। यदि वह अपराध चोरी है, तो कारावास की अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी।
जमानत (Bail) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 454 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर-जमानतीय (Non-Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत नही मिल सकेगी।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिए प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन। | तीन वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना। | संज्ञेय | गैर-जमानतीय | किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा |
यदि वह अपराध चोरी है। | दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना। | संज्ञेय | गैर-जमानतीय | किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 454 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।