आईपीसी की धारा 458 | उपहति, हमला या सदोष अवरोध की तैयारी के पश्चात् रात्रौ प्रच्छन्न गृह अतिचार या रात्रौ गृह भेदन | IPC Section- 458 in hindi| Lurking house-trespass or house-breaking by night after preparation for hurt, assault, or wrongful restraint.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 458 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 458 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 458 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 458 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई किसी व्यक्ति को उपहति कारित करने की या किसी व्यक्ति पर हमला करने की, या किसी व्यक्ति का सदोष अवरोध या रात्रौ गृह-भेदन करने की, अथवा किसी व्यक्ति को उपहति के, या हमले के, या सदोष अवरोध के भय में डालने की तैयारी करके, रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृह भेदन करेगा, तो वह धारा 458 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 458 के अनुसार

उपहति, हमला या सदोष अवरोध की तैयारी के पश्चात् रात्रौ प्रच्छन्न गृह अतिचार या रात्रौ गृह भेदन-

जो कोई किसी व्यक्ति को उपहति कारित करने की या किसी व्यक्ति पर हमला करने की, या किसी व्यक्ति का सदोष अवरोध या रात्रौ गृह-भेदन करने की, अथवा किसी व्यक्ति को उपहति के, या हमले के, या सदोष अवरोध के भय में डालने की तैयारी करके, रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृह भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि चौदह वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

Lurking house-trespass or house-breaking by night after preparation for hurt, assault, or wrongful restraint-
Whoever commits lurking house-trespass by night, or house-breaking by night, having made preparation for causing hurt to any person or for assaulting any person, or for wrongfully restraining any person, or for putting any person in fear of hurt, or of assault, or of wrongful restraint, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to fourteen years, and shall also be liable to fine.

लागू अपराध

उपहति कारित करने, आदि की तैयारी के पश्चात् रात्रौ प्रच्छन्न गृह अतिचार या रात्रौ गृह भेदन।
सजा- चौदह वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना।
यह अपराध एक गैर-जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 458 के अंतर्गत जो कोई किसी व्यक्ति को उपहति कारित करने की या किसी व्यक्ति पर हमला करने की, या किसी व्यक्ति का सदोष अवरोध या रात्रौ गृह-भेदन करने की, अथवा किसी व्यक्ति को उपहति के, या हमले के, या सदोष अवरोध के भय में डालने की तैयारी करके, रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृह भेदन करेगा, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि चौदह वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

जमानत (Bail) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 458 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर-जमानतीय (Non-Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत नही मिल सकेगी।

अपराधसजाअपराध श्रेणीजमानतविचारणीय
उपहति कारित करने, आदि की तैयारी के पश्चात् रात्रौ प्रच्छन्न गृह अतिचार या रात्रौ गृह भेदन।चौदह वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना।संज्ञेयगैर-जमानतीयप्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 458 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

4 thoughts on “आईपीसी की धारा 458 | उपहति, हमला या सदोष अवरोध की तैयारी के पश्चात् रात्रौ प्रच्छन्न गृह अतिचार या रात्रौ गृह भेदन | IPC Section- 458 in hindi| Lurking house-trespass or house-breaking by night after preparation for hurt, assault, or wrongful restraint.”

  1. IPC 458 ke tahat case chal rha hai aur 15 year ho gye hai, judgment kaise milega aur iske liye kya kya record dena padega

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