नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 467 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 467 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 467 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 467 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई किसी मूल्यवान प्रतिभूति, विल या विल या पुत्र के दत्तकग्रहण का प्राधिकार होना तात्पर्यित हो अथवा जिसका किसी मूल्यवान् प्रतिभूति की रचना या अन्तरण का, या उस पर के मूलधन, ब्याज या लाभांश को प्राप्त करने का, या किसी धन, जंगम सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति इत्यादि की कूटरचना करेगा, तो वह धारा 467 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
आईपीसी की धारा 467 के अनुसार
मूल्यवान प्रतिभूति, विल इत्यादि की कूटरचना-
जो कोई किसी ऐसे दस्तावेज की, जिसका कोई मूल्यवान प्रतिभूति या विल या पुत्र के दत्तकग्रहण का प्राधिकार होना तात्पर्यित हो अथवा जिसका किसी मूल्यवान् प्रतिभूति की रचना या अन्तरण का, या उस पर के मूलधन, ब्याज या लाभांश को प्राप्त करने का, या किसी धन, जंगम सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति को प्राप्त करने या परिदत्त करने का प्राधिकार होना तात्पर्यित हो, अथवा किसी दस्तावेज को, जिसका धन दिये जाने की अभिस्वीकृति करने वाला निस्तारणपत्र या रसीद होना या किसी जंगम सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति के परिदान के लिए निस्तारण पत्र या रसीद होना तात्पर्यित हो, कूटरचना करेगा, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
Forgery of valuable security, will, etc-
Whoever forges a document which purports to be a valuable security, or a will, or an authority to adopt a son, or which purports to give authority to any person to make or transfer any valuable security, or to receive the principal, interest or dividends thereon, or to receive or deliver any money, movable property, or valuable security, or any document purporting to be an acquittance or receipt acknowledging the payment of money, or an acquittance or receipt for the delivery of any movable property or valuable security, shall be punished with imprisonment for life, or with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.
लागू अपराध
मूल्यवान प्रतिभूति, विल या किसी मूल्यवान प्रतिभूति की रचना या अंतरण के प्राधिकार, अथवा किसी धन आदि को प्राप्त करने के लिए प्राधिकार की कूटरचना।
सजा- आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना।
यह अपराध एक गैर-जमानतीय और गैर-संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
जब मूल्यवान प्रतिभूति केंद्रीय सरकार का वचनपत्र है।
सजा- आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना।
यह अपराध एक गैर-जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 467 के अंतर्गत जो कोई किसी मूल्यवान प्रतिभूति, विल या विल या पुत्र के दत्तकग्रहण का प्राधिकार होना तात्पर्यित हो अथवा जिसका किसी मूल्यवान् प्रतिभूति की रचना या अन्तरण का, या उस पर के मूलधन, ब्याज या लाभांश को प्राप्त करने का, या किसी धन, जंगम सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति इत्यादि की कूटरचना करेगा, तो वह आजीवन कारावास से या दोनों में से, किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा। यदि किसी व्यक्ति व्दारा ने मूल्यवान प्रतिभूति केंद्रीय सरकार का वचनपत्र मे कूटरचना की है तो वह भी आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना से दण्डित किया जायेगा।
जमानत (Bail) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 467 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर-जमानतीय (Non-Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत नही मिल सकेगी।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
मूल्यवान प्रतिभूति, विल या किसी मूल्यवान प्रतिभूति की रचना या अंतरण के प्राधिकार, अथवा किसी धन आदि को प्राप्त करने के लिए प्राधिकार की कूटरचना। | आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना। | गैर-संज्ञेय | गैर-जमानतीय | प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा |
जब मूल्यवान प्रतिभूति केंद्रीय सरकार का वचनपत्र है। | आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना। | संज्ञेय | गैर-जमानतीय | प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 467 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
Sir जी मेरी नातायत पत्नी 3साल अलग रहने के बाद किसी औऱ के साथ भाग गयी औऱ मुज पर 498ा,406का केस लगा दीया
Evidence Aur Gawah ready karke court me rakkhe
सर जो व्यक्ति दो देश कि नागरिकता प्राप्त कर लिया है और दोनों देशों में सरकार का शोषण कर रहा है, जैसे वह नेपाल देश का स्थाई निवासी है और, सरकारी शिक्षक भी है और भारत सरकार का भी प्रमाण पत्र बना लिया है और भारत सरकार कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहा है,और भारतीय प्रमाण पत्र होने के कारण फर्जी ढंग से जमीन बेच दिया है और नेपाल चला गया है,उस व्यक्ति पर कौन सी धारा लगेगा मुझे जानकारी दे
Forgery, Cheating 467, 468, 420, 417 जैसे कई धारायें लग सकती है।