नमस्कार दोस्तों, हमारे भारत देश में आए दिन कोई न कोई चुनाव कार्यक्रम होते ही रहते है, इन चुनाव कार्यक्रमो को ठीक तरह से नियोजित करने के उद्देश्य से चुनाव आयोग आचार संहिता (Code of Conduct) लागू करती है। आचार संहिता में होने वाली शक्ति चुनाव आयोग अपने अनुसार परिवर्तन कर सकती है। वैसे आज हम आचार संहिता संबंधी समस्त जानकारी आपके साथ साझा करने वाले है, साथ ही आचार संहिता निर्वाचन आयोग कैसे लागू करवाता है, यह भी जानेंगे। कुछ लोग सोचते हैं कि आचार संहिता में चुनाव कार्यक्रमो में ऐसे क्या परिवर्तन करने के लिए लागू किया जाता है? यह भी जानकारी इस लेख में जानेंगे।
आचार संहिता के लागू होनें के पश्चात् नेताओं और जो पार्टियां चुनाव लड़ रही होती है, उनको और सभी व्यक्तियों को सख्त कानून का पालन करना होता है, अन्यथा चुनाव आयोग उन्हे दंडित करेगा, तो आइये जानते हैं वह ऐसे कौन से उल्लंघन हो सकते है, जिनकी वजह से नेता अथवा आम नागरिक कभी कभी इस कानून के दायरे में फंस जाते है। आचार संहिता (Model Code of Conduct in Hindi) और इसके नियमो के विषय में विस्तार से जानेंगे।
आचार संहिता क्या है? (What is a code of conduct?)
चुनाव आयोग (Election commission) अधिसूचना के अनुसार कुछ दिशा निर्देश जारी करते है, जिसके अनुसार आम नागरिकों और चुनाव पार्टिया व नेताओ को उन नियमों का पालन करना होता है। साधारण भाषा में यूँ कहे जिनको चुनाव के दौरान या कि चुनाव समाप्त होने तक सभी पार्टियों और आम नागरिक जो (चुनाव में लिप्त) या उसके उम्मीदवार को नियमों का पालन करना होता है, उसी को आचार संहिता या Model Code of Conduct कहते हैं।
इसके अलावा यदि कोई निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव आयोग व्दारा बनाये गए इन नियमों का पालन नहीं करता है, या नियमों का उल्लघंन करते हुए पाया जाता है, तो चुनाव आयोग उसके विरुद्ध कार्यवाही कर सकता है, यहाँ तक की उसे चुनाव लड़ने से भी रोका जा सकता है, चुनाव आयोग उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सकता है।
आचार संहिता को भारतीय निर्वाचन आयोग व्दारा बनाया गया दिशा-निर्देश होता है। आचार संहिता का अर्थ (Meaning of aachar sanhita in hindi) उन नियमो से है जिनके व्दारा चुनाव में पार्टियों की और उम्मीदवारों के क्रिया–कलापों, भ्रष्ट आचरण का उपयोग न हो, किसी आम नागरिक को वोट के लिये धमकाया न जाये, रिश्वत देकर वोटर न खरीदा जाये और वोट के लिये किसी मतदाता को परेशान न किया जाये इत्यादि पर नजर रखी जाती है।
आचार संहिता कब लगती है? (When does the code of conduct come into force?)
जब कोई चुनाव की घोषणा निर्वाचन आयोग के व्दारा की जाती है, तब इसके साथ ही आचार संहिता को भी लागू कर दिया जाता है और यह चुनाव के समाप्त होने और परिणाम के आने तक जारी रहता है। चुनाव के शुरू होने से पहले यह निर्वाचन आयोग (Election Commission) व्दारा चुनावी क्षेत्र में लागू कर दी जाती है।
आचार संहिता क्यों लगाई जाती है? (Why is a code of conduct imposed?)
निर्वाचन आयोग आचार संहिता लागू करने मुख्य उद्देश्य यह होता है कि चुनाव पार्टियों के बीच उत्पन्न होने वाले विवाद को रोका जा सके, जिससे शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव पूर्ण किया जा सके। निर्वाचन आयोग आचार संहिता को लागू करके राजनीतिक पार्टियों व्दार कोई अनुचित लाभ को लेने से रोकता है जिससे भारत के लोकतंत्र में साफ एवं स्वच्छ सरकार चुनी जा सके।
एक तरह से आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) को राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिये आचरण एवं व्यवहार का पैरामीटर कह सकते हैं। आदर्श आचार संहिता, किसी कानून के तहत नहीं बनी हुई है। यह सभी राजनीतिक दलों की सहमति से बनी और विकसित हुई है। आपको बता दें कि सबसे पहले 1960 में केरल विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के तहत बताया गया कि क्या करें और क्या न करें।
आचार संहिता मे निर्वाचन आयोग की क्या भूमिका है ? (What is the role of the Election Commission in the code of conduct?)
भारत निर्वाचन आयोग, भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन संसद और राज्य विधान मंडलों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण निर्वाचनों के आयोजन हेतु अपने सांविधिक कर्तव्यों के निर्वहन में केन्द्र तथा राज्यों में सत्तारूढ़ दल (दलों) और निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों व्दारा इसका अनुपालन सुनिश्चित करता है। यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि निर्वाचन के प्रयोजनार्थ अधिकारी तंत्र का दुरूपयोग न हो। इसके अतिरिक्त यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि निर्वाचन अपराध, कदाचार और भ्रष्ट आचरण यथा प्रतिरूपण, रिश्वतखोरी और मतदाताओं को प्रलोभन, मतदाताओं को धमकाना और भयभीत करना जैसी गतिविधियों को हर प्रकार से रोका जा सके। उल्लंघन के मामले मे उचित उपाय किए जाते हैं।
आचार संहिता मे दंड (Punishment in the code of conduct)
आचार संहिता के दौरान जो कोई नागरिक अथवा चुनाव पार्टियां उपरोक्त कानून का पालन नही करता है और आचार संहिता कानून का उलंघन करता है, तो वह व्यक्ति दंड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत किये गये अपराधनुसार ही दंड एवंम् जुर्माने का भागीदार होगा।
चुनाव आचार संहिता के नियम (Election code of conduct rules)
चुनाव आचार संहिता (Model Code of Conduct) के नियम इस प्रकार है-
1. चुनाव आचार संहिता के सामान्य नियम
सबसे पहली बात किसी भी पार्टी या उम्मीद्वार व्दारा कोई ऐसा कार्य नही किया जाना चाहिए जिससे जाति और धार्मिक या भाषा के बीच मतभेद उत्पन्न हो जाये।
धार्मिक स्थलों को चुनाव प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं होना चाहिए।
उम्मीदवारों को ये ध्यान रखना चाहिए कि आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत।
मतदाता को अपनी पार्टी की और आकर्षित करनें के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें, जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि।
बिना अनुमति के किसी की दीवार, भूमि का उपयोग न करें।
2. राजनीतिक सभाओं के लिए नियम
सभाओ के आयोजन के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए।
दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर ले, कि जिस स्थान का चुनाव उनके व्दारा किया गया है, वहॉं निषेधाज्ञा लागू न हो।
सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति पूर्व में ही प्राप्त कर ले |
सभा के आयोजक विध्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें।
3. रैली के लिए नियम
रैली का समय, आरंभ होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय निर्धारित कर सूचना पुलिस को दें।
रैली का आयोजन ऐसा हो, जिससे यातायात बाधित ना हो, इसका ध्यान रखें।
रैली सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए रैली में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग हो सके।
4.मतदान के लिए नियम
अधिकृत कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र देना सुनिश्चित करें।
मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम अंकित न हो।
मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब का वितरण न की जाए।
मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं और कैम्प साधारण होने चाहिए।
5.सत्ताधारी दल के लिए नियम
मंत्रियों को सरकारी दौरों को पार्टी के प्रचार के साथ नहीं जोड़ना चाहिए, पार्टी के प्रचार के दौरान वह सरकारी मशीनरी तथा कर्मचारियों का उपयोग नहीं कर सकते।
किसी भी प्रकार के सरकारी विमान व गाड़ियों का उपयोग पार्टी के प्रचार में नहीं कर सकते।
सभा स्थल या हैलीपैड बनाने के लिए किसी मैदान पर सत्तादल का एकाधिकार नहीं होगा, दूसरे दलों को भी उसी नियम और शर्तो के अंतर्गत यह स्थान उपलब्ध होगा, जिस नियम और शर्त से सत्तादल को दिया जाएगा।
किसी भी प्रकार के सरकारी धन से कोई विज्ञापन समाचार पत्रों या टीवी चैनलों पर नहीं दिया जा सकेगा।
स्थानांतरण तथा पदस्थापना के प्रकरण आयोग का पूर्व अनुमोदन आवश्यक।
आचार संहिता कानून (Code of conduct Act) की सम्पूर्ण जानकारी आपको प्राप्त हो गई होगी। इसको कैसे लागू किया जाता है। इसमें अपराध कारित करने पर क्या सजा होगी ? इन सब के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इससे सम्बन्धित या अन्य से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है |