नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 2 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 2, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा-2 का विवरण
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -2 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस अधिनियम के अधीन मे मोटर वाहन अधिनियम को परिभाषित किया गया है।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 2 के अनुसार
परिभाषाएँ-
इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो :-
(1) “रूपांतरित यान” से कोई मोटर यान अभिप्रेत है, जिसे या तो विनिर्दिष्टत: डिजाइन और विनिर्मित किया गया है या जिसमें किसी शारीरिक विकार या निःशक्तता से पीड़ित व्यक्ति के उपयोग के लिए धारा 52 की उपधारा (2) के अधीन परिवर्तन किए गए हैं और उसका ऐसे व्यक्ति द्वारा या उसके लिए एकमात्र रूप से उपयोग किया जाता है;
(1क) “समूहक” से कोई डिजीटल मध्यवर्ती या किसी यात्री के लिए परिवहन के प्रयोजन के लिए चालक से संयोजित होने के लिए कोई बाजार स्थान अभिप्रेत है;
(1ख) इस अधिनियम के किसी उपबंध के संबंध में “क्षेत्र” से ऐसा क्षेत्र अभिप्रेत है जैसा राज्य सरकार उस उपबंध की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे;] [मोटर यान (संशोधन) अधिनियम, 2019 (क्र. 32 सन् 2019) द्वारा खंड (1) के स्थान पर प्रतिस्थापित]
(2) “संलग्न यान” से ऐसा मोटर यान अभिप्रेत है जिससे कोई अर्द्ध-ट्रेलर संलग्न है;
(3) किसी यान की धुरी के संबंध में “धुरी भार” से उस धुरी के साथ लगे हुए कई पहियों द्वारा, उस भू-तल पर, जिस पर वह यान टिका हुआ है, संप्रेषित कुल भार अभिप्रेत है;
(4) “रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र” से सक्षम प्राधिकारी द्वारा दिया गया इस आशय का प्रमाणपत्र अभिप्रेत है कि मोटर यान को अध्याय 4 के उपबंधों के अनुसार सम्यक रूप से रजिस्टर कर दिया गया है।
(4क) “समुदाय सेवा” से कोई असंदत्त कार्य अभिप्रेत है जिसका किसी व्यक्ति द्वारा इस अधिनियम के अधीन किए गए किसी अपराध के लिए दंड के रूप में किया जाना अपेक्षित है;] [मोटर यान (संशोधन) अधिनियम, 2019 (क्र. 32 सन् 2019) द्वारा अंत:स्थापित ]
(5) मंजिली गाड़ी के संबंध में, “कन्डक्टर” से वह व्यक्ति अभिप्रेत है जो यात्रियों से किराया संगृहीत करने, उनका मंजिली गाड़ी में प्रवेश करना या उसमें से बाहर जाना विनियमित करने और ऐसे अन्य कृत्य करने में लगा हुआ है जो विहित किए जाएं;
(6) “कन्डक्टर अनुज्ञप्ति” से सक्षम प्राधिकारी द्वारा अध्याय 3 के अधीन दी गई अनुज्ञप्ति अभिप्रेत है जो उसमें विनिर्दिष्ट व्यक्ति को कन्डक्टर के रूप में कार्य करने के लिए प्राधिकृत करती है;
(7) “ठेका गाड़ी” से ऐसा मोटर यान अभिप्रेत है जो भाड़े या पारिश्रमिक पर यात्री या यात्रियों का वहन करता है और जो किसी व्यक्ति द्वारा ऐसे यान के संबंध में किसी परमिट के धारक या इस निमित्त उसके द्वारा प्राधिकृत किसी व्यक्ति के साथ ऐसे सम्पूर्ण यान के उपयोग के लिए की गई किसी अभिव्यक्त या विवक्षित संविदा के अधीन, उसमें वर्णित यात्रियों के किसी नियत या तय हुई दर या धनराशि पर–
(क) समय के आधार पर, चाहे वह किसी मार्ग या दूरी के प्रति निर्देश से है अथवा नहीं; या
(ख) एक स्थान से अन्य स्थान तक,
वहन में लगा है, और इन दोनों में से किसी भी दशा में, यात्रा के दौरान ऐसे यात्रियों को, जो संविदा में सम्मिलित नहीं है, चढ़ाने या उतारने के लिए कहीं भी रुकता नहीं है, और इसके अन्तर्गत–
(i) बड़ी टैक्सी; और
(ii) मोटर टैक्सी, इस बात के होते हुए भी है कि इसके यात्रियों से अलग-अलग किराए प्रभारित किए जाते हैं :
(8) “व्यवहारी” के अन्तर्गत कोई ऐसा व्यक्ति है जो–
[***] [1994 के अधिनियम संख्यांक 54, धारा 2 द्वारा उप-खण्ड (क) विलोपित (14-11-1994 से प्रभावशील )]
(ख) चैसिस से संलग्न करने के लिए बॉडियों के निर्माण; या
(ग) मोटर यानों की मरम्मत; या
(घ) मोटर यानों के आडमान, पट्टा पर देने या अवक्रय, में लगा हुआ है;
(9) “ड्राइवर” के अन्तर्गत किसी ऐसे मोटर यान के संबंध में जो किसी अन्य मोटर यान से चलाया जाता है, वह व्यक्ति भी है जो चलाए जाने वाले यान के अनुचालक के रूप में कार्य करता है;
(9क) “चालक पुनश्चर्या प्रशिक्षण पाठ्यक्रम” से धारा 19 की उपधारा (2क) में निर्दिष्ट पाठ्यक्रम अभिप्रेत है;] [मोटर यान (संशोधन) अधिनियम, 2019 (क्र. 32 सन् 2019) द्वारा अंत:स्थापित ]
(10) “चालन-अनुज्ञप्ति” से ऐसी अनुज्ञप्ति अभिप्रेत है जो सक्षम प्राधिकारी द्वारा अध्याय 2 के अधीन दी गई है और जो उसमें विनिर्दिष्ट व्यक्ति को मोटर यान या किसी विनिर्दिष्ट वर्ग या वर्णन का मोटर यान शिक्षार्थी से भिन्न रूप में चलाने के लिए प्राधिकृत करती है;
(11) “शिक्षा संस्था बस” से ऐसी कोई बस अभिप्रेत है जो किसी महाविद्यालय, विद्यालय या अन्य शिक्षा संस्था के स्वामित्वाधीन है और जिसका उपयोग शिक्षा संस्था के किसी क्रियाकलाप के संबंध में, विद्यार्थियों और कर्मचारिवन्द के परिवहन के प्रयोजन के लिए ही किया जाता है;
(12) “किराए” के अंतर्गत वे धनराशियाँ हैं जो किसी सीजन टिकट के लिए अथवा ठेका गाड़ी के भाड़े की बाबत संदेय है;
(12क) “स्वर्णिम घंटा” से अभिघात, क्षति के पश्चात् एक घंटे तक रहने वाली कालावधि अभिप्रेत है जिसके दौरान तुरंत चिकित्सा देखरेख प्रदान करके मृत्यु को निवारित करने की अधिकतम संभावना है।] [मोटर यान (संशोधन) अधिनियम, 2019 (क्र. 32 सन् 2019) द्वारा अंत:स्थापित ]
(13) “माल” के अंतर्गत जीवित व्यक्तियों के सिवाय यान द्वारा ले जाया जाने वाला पशुधन और (यान में मामूली तौर पर काम आने वाले उपस्कर से भिन्न) कोई भी चीज है, किन्तु मोटर कार में या मोटर कार से संलग्न ट्रेलर में वहन किया जाने वाला सामान या निजी चीजबस्त या यान में यात्रा करने वाले यात्रियों का निजी सामान इसके अंतर्गत नहीं है;
(14) “माल वाहन” से ऐसा कोई मोटर यान अभिप्रेत है जो केवल माल ढोने के काम के लिए निर्मित या अनुकूलित है या ऐसा कोई मोटर यान भी, जो ऐसे निर्मित या अनुकूलित नहीं है, उस दशा में अभिप्रेत है जबकि उसका उपयोग माल ढोने में किया जाता है;
(15) किसी यान की बाबत “सकल यान भार” से यान का कुल भार और उस यान के लिए रजिस्ट्रीकरण प्राधिकारी द्वारा अनुज्ञेय रूप में प्रमाणित और रजिस्ट्रीकृत भार अभिप्रेत है;
(16) “भारी माल यान” से अभिप्रेत है ऐसा कोई माल यान जिसका सकल यान भार; या ऐसा ट्रेक्टर या रोड-रोलर जिसमें से किसी का लदान रहित भार, 12,000 किलोग्राम से अधिक है।
(17) “भारी यात्री मोटर यान” से अभिप्रेत है ऐसा कोई लोक सेवा यान या प्राइवेट सेवा यान या शिक्षा संस्था बस या कोई बस जिसका सकल यान भार, या ऐसी मोटर कार जिसका लदान रहित भार, 12,000 किलोग्राम से अधिक है।
[18. ***] [मोटर यान (संशोधन) अधिनियम, 2019 (क्र. 32 सन् 2019) द्वारा विलोपित]
(19) “शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति” से ऐसी अनुज्ञप्ति अभिप्रेत है जो सक्षम प्राधिकारी द्वारा अध्याय 2 के अधीन दी गई है, और जो उसमें विनिर्दिष्ट व्यक्ति को शिक्षार्थी के रूप में कोई मोटर यान या किसी विनिर्दिष्ट वर्ग या वर्णन का मोटर यान चलाने के लिए प्राधिकृत करती है;
(20) “अनुज्ञापन प्राधिकारी” से वह प्राधिकारी अभिप्रेत है जो अध्याय 2 या अध्याय 3 के अधीन अनुज्ञप्ति देने के लिए सशक्त है;
(21) “हल्का मोटर यान” से अभिप्रेत है ऐसा कोई परिवहन यान या बस जिसमें से किसी का सकल यान भार, ऐसी मोटर कार या ट्रैक्टर या रोड-रोलर जिसमें से किसी का लदान रहित भार 7,500 किलोग्राम से अधिक नहीं है;
(21-क) “विनिर्माता” से कोई ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जो मोटर यानों के विनिर्माण में लगा है;
(22) “बड़ी टैक्सी” से ऐसा मोटर यान अभिप्रेत है जो भाड़े या पारिश्रमिक पर छह से अधिक किन्तु बारह से अनधिक यात्रियों का, जिसके अंतर्गत ड्राइवर नहीं है, वहन करने के लिए निर्मित या अनुकूलित है;
(23) “मध्यम माल यान” से हल्के मोटर यान या भारी माल यान से भिन्न कोई माल वाहन अभिप्रेत है;
(24) “मध्यम यात्री मोटर यान” से ऐसा कोई लोक सेवा यान या प्राइवेट यान या शिक्षा संस्था बस अभिप्रेत है जो मोटर साइकिल, रूपांतरित यान, हल्का मोटर यान या भारी यात्री मोटर यान से भिन्न है;
(25) “मोटर टैक्सी” से ऐसा कोई मोटर यान अभिप्रेत है जो भाड़े या पारिश्रमिक पर अधिक से अधिक छह यात्रियों का, जिसके अंतर्गत ड्राइवर नहीं है, वहन करने के लिए निर्मित या अनुकूलित है;
(26) “मोटर कार” से परिवहन यान, बस, रोड-रोलर, ट्रैक्टर, मोटर साइकिल या रूपांतरित यान से भिन्न कोई मोटर यान अभिप्रेत है;
(27) “मोटर साइकिल’’ से दो पहियों वाला ऐसा मोटर यान अभिप्रेत है जिसमें मोटर यान से संलग्न, एक अतिरिक्त पहिए वाली साइड कार, जो पृथक की जा सकती है, सम्मिलित है;
(28) “मोटर यान” या “यान” से कोई ऐसा यंत्र अभिप्रेत है जो सड़कों पर उपयोग के अनुकूल बना लिया गया है, चाहे उसमें नोदन शक्ति किसी बाहरी स्त्रोत से संचारित की जाती हो या आंतरिक स्त्रोत से और इसके अंतर्गत चैसिस, जिससे बॉडी संलग्न नहीं है और ट्रेलर भी है, किन्तु इसके अंतर्गत पटरियों पर चलने वाला यान-अथवा केवल कारखाने में या अन्य किसी सीमाबद्ध परिसर में उपयोग किए जाने के अनुकूल बना लिया गया विशेष प्रकार का यान या चार से कम पहियों वाला यान जिसमें पच्चीस घन सेंटी मीटर से अनधिक क्षमता वाला इंजन लगाया गया है, नहीं है;
(29) “बस” से ऐसा मोटर यान अभिप्रेत है जो छह से अधिक यात्रियों का, जिसके अंतर्गत ड्राइवर नहीं है, वहन करने के लिए निर्मित या अनुकूलित है;
(30) “स्वामी” से वह व्यक्ति अभिप्रेत है जिसके नाम में मोटर यान रजिस्टर है और जहां ऐसा व्यक्ति अवयस्क है, वहां उस अवयस्क का संरक्षक अभिप्रेत है और उस मोटर यान के संबंध में जो अवक्रय करार या पट्टे के करार या आडमान के करार पर लिया गया है, वह व्यक्ति अभिप्रेत है जिसका उस यान पर उस करार के अधीन कब्जा है;
(31) “परमिट’’ से ऐसा परमिट अभिप्रेत है जो राज्य या प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण ने या इस अधिनियम के अधीन इस निमित्त विहित प्राधिकारी ने किसी मोटर यान का परिवहन । यान के रूप में उपयोग करने के लिए प्राधिकृत करते हुए दिया है;
(32) “विहित” से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है;
(33) “प्राइवेट सेवा यान” से ऐसा मोटर यान अभिप्रेत है जो छह से अधिक व्यक्तियों का, जिसके अंतर्गत ड्राइवर नहीं है, वहन करने के लिए निर्मित या अनुकूलित है और साधारणतः ऐसे यान के स्वामी द्वारा या उसकी ओर से, भाड़े या पारिश्रमिक से अन्यथा उसके व्यापार या कारबार के लिए, या उसके संबंध में, व्यक्तियों का वहन करने के प्रयोजन के लिए उपयोग में लाया जाता है, किन्तु इसमें लोक प्रयोजनों के लिए उपयोग में लाया जाने वाला मोटर यान नहीं है;
(34) “सार्वजनिक स्थान” से ऐसी सड़क, गली, मार्ग या अन्य स्थान, चाहे वह आम रास्ता हो या नहीं, अभिप्रेत है जिस पर जनता को पहुंच का अधिकार प्राप्त है, और इसके अंतर्गत कोई ऐसा स्थान या अड्डा भी है जहां पर मंजिली गाड़ी द्वारा यात्रियों को चढ़ाया या उतारा जाता है;
(35) “सार्वजनिक सेवा यान” से ऐसा कोई मोटर यान अभिप्रेत है जिसका उपयोग भाड़े या पारिश्रमिक पर यात्रियों का वहन करने के लिए किया जाता है या जिसे उपयोग के अनुकूल बना लिया गया है तथा इसके अंतर्गत बड़ी टैक्सी, मोटर टैक्सी, ठेका गाड़ी और मंजिली गाड़ी भी है;
(36) “रजिस्ट्रीकृत धुरी भार” से किसी यान की धुरी के संबंध में, धुरी भार अभिप्रेत है जिसकी बाबत रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी द्वारा यह प्रमाणित और रजिस्ट्रीकृत है कि वह उस धुरी के लिए अनुज्ञेय धुरी भार है;
(37) “रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी’ से वह प्राधिकारी अभिप्रेत है जिसे अध्याय 4 के अधीन मोटर यानों को रजिस्टर करने के लिए सशक्त किया गया है।
(38) “मार्ग” से यात्रा का वह पथ अभिप्रेत है जिसकी बाबत यह विनिर्दिष्ट है कि वह ऐसा राजमार्ग है जिसमें एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक मोटर यान आ जा सकता है;
(38क) “स्कीम” से इस अधिनियम के अधीन विरचित स्कीम अभिप्रेत है;
(39) “अर्द्ध ट्रेलर” से (ट्रेलर से भिन्न) कोई ऐसा यान अभिप्रेत है, जो यंत्र नोदित नहीं है और जो किसी मोटर यान से संयोजित किए जाने के लिए आशयित है तथा जो इस प्रकार निर्मित है, कि उसका एक प्रभाग उस मोटर यान के ऊपर है और उसके भार का एक भाग उस मोटर यान द्वारा वहन किया जाता है;
(40) “मंजिली गाड़ी” से ऐसा मोटर यान अभिप्रेत है जो भाड़े या पारिश्रमिक पर छह से अधिक यात्रियों का, जिसके अंतर्गत ड्राइवर नहीं है, पूरी यात्रा अथवा यात्रा की मंजिलों तक के लिए, अलग-अलग यात्रियों द्वारा या उनकी ओर से दिए गए अलग-अलग किरायों पर वहन करने के लिए, निर्मित या अनुकूलित है;
(41) किसी संघ राज्यक्षेत्र के संबंध में, “राज्य सरकार” से संविधान के अनुच्छेद 239 के अधीन नियुक्त उसका प्रशासक अभिप्रेत है;
(42) “राज्य परिवहन उपक्रम” से ऐसा कोई उपक्रम अभिप्रेत है जो वहां सड़क परिवहन सेवा की व्यवस्था करता है, जहां ऐसा उपक्रम निम्नलिखित द्वारा चलाया जाता है :-
(i) केन्द्रीय सरकार या कोई राज्य सरकार;
(ii) सड़क परिवहन निगम अधिनियम, 1950 (1950 का 64) की धारा 3 के अधीन स्थापित कोई सड़क परिवहन निगम;
(iii) केन्द्रीय सरकार या एक या अधिक राज्य सरकारों के अथवा केन्द्रीय सरकार और एक या अधिक राज्य सरकारों के स्वामित्व या नियंत्रण में की कोई नगरपालिका या कोई निगम या कंपनी।
(iv) जिला परिषद् या वैसा ही कोई अन्य स्थानीय प्राधिकारी ।
स्पष्टीकरण — इस खंड के प्रयोजनों के लिए, “सड़क परिवहन सेवा” से भाड़े या पारिश्रमिक पर सड़क मार्ग द्वारा यात्रियों या माल अथवा दोनों का वहन करने वाली मोटर यान सेवा अभिप्रेत है;
(42क) “परीक्षण अभिकरण” से धारा 110ख के अधीन परीक्षण अभिकरण के रूप में नामनिर्दिष्ट निकाय अभिप्रेत है;
(43) “पर्यटन यान” से ऐसी ठेका गाड़ी अभिप्रेत है जो उन विनिर्देशों के अनुसार निर्मित या अनुकूलित, सज्जित और अनुरक्षित है जिन्हें इस निमित्त विनिर्दिष्ट किया जाए;
(44) “ट्रेक्टर” से ऐसा मोटर यान अभिप्रेत है जो स्वयं (नोदन के प्रयोजन के लिए काम में आने वाले उपस्कर से भिन्न) कोई भार वहन करने के लिए निर्मित नहीं है, किन्तु इसके अंतर्गत रोड-रोलर नहीं है।
(45) “यातायात संकेत” के अंतर्गत सभी संकेत, चेतावनी-संकेत स्तंभ, दिशा सूचक स्तंभ, सड़कों पर चिन्हांकन या अन्य युक्तियां हैं जो मोटर यानों के ड्राइवरों की जानकारी, मार्गदर्शन या निर्देशन के लिए है।
(46) “ट्रेलर” से अर्द्ध-ट्रेलर और साइड कार से भिन्न कोई ऐसा यान अभिप्रेत है जो मोटर यान के द्वारा खींचा जाता है अथवा खींचे जाने के लिए आशयित है;
(47) “परिवहन यान” से कोई सार्वजनिक सेवा यान, माल वाहन, शिक्षा संस्था बस या प्राइवेट सेवा यान अभिप्रेत है;
(48) “लदान रहित भार” से यान या ट्रेलर का ऐसे सभी उपस्कर सहित भार अभिप्रेत है, जिसका उपयोग मामूली तौर पर यान या ट्रेलर के चालू होने पर किया जाता है किन्तु इसमें ड्राइवर या परिचालक का भार सम्मिलित नहीं है तथा जहां आनुकल्पिक पुों या बॉडी का उपयोग किया जाता है वहां यान के लदान रहित भार से यान का, ऐसे सबसे भारी आनुकल्पिक पुर्जे या बॉडी सहित भार अभिप्रेत है;
(49) “भार” से यान के पहियों द्वारा उस भू-तल पर, जिस पर वह यान टिका हुआ है या गतिमान होता है, उस समय संचारित किया जाने वाला कुल भार अभिप्रेत है ।
Definitions-
In this Act, unless the context otherwise requires —
(1) “adapted vehicle” means a motor vehicle either specially designed and constructed, or to which alterations have been made under sub-section (2) of section 52, for the use of a person suffering from any physical defect or disability, and used solely by or for such person;
(1A)”aggregator” means a digital intermediary or market place for a passenger to connect with a driver for the purpose of transportation;
(1B) “area”, in relation to any provision of this Act, means such area as the State Government may, having regard to the requirements of that provision, specify by notification in the Official Gazette;]
(2) “articulated vehicle” means a motor vehicle to which a semitrailer is attached;
(3) “axle weight” means in relation to an axle of a vehicle the total weight transmitted by the several wheels attached to that axle to the surface on which the vehicle rests;
(4) “certificate of registration” means the certificate issued by a competent authority to the effect that motor vehicle has been duly registered in accordance with the provisions of Chapter IV;
(4A) “community service” means an unpaid work which a person is required to perform as a punishment for an offence committed under this Act;
(5) “conductor”, in relation to a stage carriage, means a person engaged in collecting fares from passengers, regulating their entrance into, or exit from, the stage carriage and performing such other functions as may be prescribed;
(6) “conductor’s licence” means the licence issued by a competent authority under Chapter III authorising the person specified therein to act as a conductor;
(7) “contract carriage” means a motor vehicle which carries a passenger or passengers for hire or reward and is engaged under a contract, whether expressed or implied, for the use of such vehicle as a whole for the carriage of passengers mentioned therein and entered into by a person with a holder of a permit in relation to such vehicle or any person authorised by him in this behalf on a fixed or an agreed rate or sum-
(a) on a time basis, whether or not with, reference to any route or distance; or
(b) from one point to another,
and in either case, without stopping to pick up or set down passengers not included in the contract anywhere during the journey, and includes–
(i) a maxicab; and
(ii) a motorcab notwithstanding that separate fares are charged for its passengers;
(8) “dealer” includes a person who is engaged
(b) in building bodies for attachment to chassis; or
(c) in the repair of motor vehicles; or
(d) in the business of hypothecation, leasing or hire-purchase of motor vehicle;
(9) “driver” includes, in relation to a motor vehicle which is drawn by another motor vehicle, the person who acts as a steersman of the drawn vehicle;
(9A) “driver refresher training course” means the course referred to in sub-section (2A) of section 19;
(10) “driving licence” means the licence issued by a competent authority under Chapter II authorising the person specified therein to drive, otherwise than as a learner, a motor vehicle or a motor vehicle of any specified class or description;
(11) “educational institution bus” means an omnibus, which is owned by a college, school or other educational institution and used solely for the purpose of transporting students or staff of the educational institution in connection with any of its activities;
(12) “fares” includes sums payable for a season ticket or in respect of the hire of a contract carriage;
(12A) “golden hour” means the time period lasting one hour following a traumatic injury during which there is highest likelihood of preventing death by providing prompt medical care;]
(13) “goods” includes live-stock, and anything (other than equipment ordinarily used with the vehicle) carried by a vehicle except living persons, but does not include luggage or personal effects carried in a motor car or in a trailer attached to a motor car of the personal luggage of passengers travelling in the vehicle;
(14) “goods carriage” means any motor vehicle constructed or adapted for use solely for the carriage of goods, or any motor vehicle not so constructed or adapted when used for the carriage of goods;
(15) “gross vehicle weight” means in respect of any vehicle the total weight of the vehicle and load certified and registered by the registering authority as permissible for that vehicle;
(16) “heavy goods vehicle” means any goods carriage the gross vehicle weight of which, or a tractor or a road-roller. The unladen weight of either of which, exceeds 12,000 kilograms;
(17) “heavy passenger motor vehicle” means any public service vehicle or private service vehicle or educational institution bus or omnibus the gross vehicle weight of any of which, or a motor car the unladen weight of which, exceeds 12,000 kilograms;
[18. ***]
(19) “learner’s licence” means the licence issued by a competent authority under Chapter II authorising the person specified therein to drive as a learner, a motor vehicle or a motor vehicle of any specified class or description; for of
(20) “licensing authority” means an authority empowered to issue licences under Chapter II or, as the case may be, Chapter III;
(21) “light motor vehicle” means a transport vehicle or omnibus the gross vehicle weight of either of which or a motor car or tractor or road-roller the unladen weight of any of which, does not exceed [7500] kilograms;
(21A) “manufacturer” means a person who is engaged in the manufacture of motor vehicles;
(22) “maxicab” means any motor vehicle constructed or adapted to carry more than six passengers, but not more than twelve passengers, excluding the driver, for hire or reward;
(23) “medium goods vehicle” means any goods carriage other than a light motor vehicle or a heavy goods vehicle;
(24) “medium passenger motor vehicle” means any public service vehicle or private service vehicle, or educational institution bus other than a motorcycle, [adapted vehicle], light motor vehicle or heavy passenger motor vehicle;
(25) “motorcab” means any motor vehicle constructed or adapted to carry not more than six passengers excluding the driver for hire or reward;
(26) “motor car” means any motor vehicle other than a transport vehicle, omnibus, road-roller, tractor, motorcycle or adapted vehicle;
(27) “motor cycle” means a two-wheeled motor vehicle, inclusive of any detachable side-car having an extra wheel, attached to the motor vehicle;
(28) “motor vehicle” or “vehicle” means any mechanically propelled vehicle adapted for use upon roads whether the power of propulsion is transmitted thereto from an external or internal sour and includes a chassis to which a body has not been attached and a trailer, but does not include a vehicle running upon fixed rails or a vehicle of a special type adapted for use only in a factory or in any other enclosed premises or a vehicle having less than four wheels fitted with engine capacity of not exceeding twenty-five cubic centimeters;
(29) “omnibus” means any motor vehicle constructed or adapted to carry more than six persons excluding the driver;
(30) “owner” means a person in whose name a motor vehicle stands registered, and where such person is a minor, the guardian of such minor, and in relation to a motor vehicle which is the subject of a hire-purchase agreement, or an agreement of lease or an agreement of hypothecation, the person in possession of the vehicle under that agreement;
(31) “permit” means a permit issued by a State or Regional Transport Authority or an authority prescribed in this behalf under this Act authorising the use of a motor vehicle as a transport vehicle;
(32) “prescribed” means prescribed by rules made under this Act;
(33) “private service vehicle” means a motor vehicle constructed or adapted to carry more than six persons excluding the driver and ordinarily used by or on behalf of the owner of such vehicle for the purpose of carrying persons for, or in connection with, his trade or business otherwise than for hire or reward but does not include a motor vehicle used for public purposes;
(34) “public place” means a road, street, way or other place, whether a thoroughfare or not, to which the public have a right of access, and includes any place or stand at which passengers are picked up or set down by a stage carriage;
(35) “public service vehicle” means any motor vehicle used or adapted to be used for the carriage of passengers for hire or reward, and includes a maxicab, a motorcab, contract carriage, and stage carriage;
(36) “registered axle weight” means in respect of the axle of any vehicle, the axle weight certified and registered by the registering authority as permissible for that axle;
(37) “registering authority” means an authority empowered to register motor vehicles under Chapter IV;
(38) “route” means a line of travel which specifies the highway which may be traversed by a motor vehicle between one terminus and another;
(38A) “scheme” means a scheme framed under this Act;
(39) “semi-trailer” means a vehicle not mechanically propelled (other than a trailer), which is intended to be connected to a motor vehicle and which is so constructed that a portion of it is super-imposed on, and a part of whose weight is borne by, that motor vehicle;
(40) “stage carriage” means a motor vehicle constructed or adapted to carry more than six passengers excluding the driver for hire or reward at separate fares paid by or for individual passengers, either for the whole journey or for stages of the journey;
(41) “State Government” in relation to a Union territory means the Administrator thereof appointed under article 239 of the Constitution;
(42) “State transport undertaking” means any undertaking providing road transport service, where such Undertaking is carried on by —
(i) the Central Government or a State Government;
(ii) any Road Transport Corporation established under section 3 of the Road Transport Corporations Act, 1950 (64 of 1950);
(iii) any municipality or any corporation or company-owned or controlled by the Central Government or one or more State Governments, or by the Central Government and one or more State Governments.
(iv) Zila Parishad or any other similar local authority.
Explanation — For the purposes of this clause, “road transport service” means a service of motor vehicles carrying passengers or goods or both by road for hire or reward;
(42A) “testing agency” means any entity designated as a testing agency under section 110B;
(43) “tourist vehicle” means a contract carriage constructed or adapted and equipped and maintained in accordance with such specifications as may be prescribed in this behalf;
(44) “tractor” means a motor vehicle which is not itself constructed to carry any load (other than equipment used for the purpose of propulsion); but excludes a road-roller;
(45) “traffic signs” includes all signals, warning signposts, direction posts, markings on the road or other devices for the information, guidance or direction of drivers of motor vehicles;
(46) “trailer” means any vehicle, other than a semi-trailer and a side-car, drawn or intended to be drawn by a motor vehicle;
(47) “transport vehicle” means a public service vehicle, a goods carriage, an educational institution bus or a private service vehicle;
(48) “unladen weight” means the weight of a vehicle or trailer including all equipments ordinarily used with the vehicle or trailer when working, but excluding the weight of a driver or attendant; and where alternative parts or bodies are used the unladen weight of the vehicle means the weight of the vehicle with the heaviest such alternative part or body;
(49) “weight” means the total weight transmitted for the time being by the wheels of a vehicle to the surface on which the vehicle rests [or moves).
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