नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 51 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 51, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 51 का विवरण
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -51 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस अधिनियम के आधीन जहां उस मोटर यान के रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन किया जाता है, जो अवक्रय, पट्टा या आडमान करार (जिसे इस धारा में इसके पश्चात् उक्त करार कहा गया है) के अधीन धारित है, वहाँ रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी उक्त करार के अस्तित्व की बाबत् रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र में प्रविष्टि करेगा।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 51 के अनुसार
अवक्रय करार, आदि के अधीन मोटर यान के बारे में विशेष उपबंध-
(1) जहां उस मोटर यान के रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन किया जाता है, जो अवक्रय, पट्टा या आडमान करार (जिसे इस धारा में इसके पश्चात् उक्त करार कहा गया है) के अधीन धारित है, वहाँ रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी उक्त करार के अस्तित्व की बाबत् रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र में प्रविष्टि करेगा।
(2) जहाँ इस अध्याय के अधीन रजिस्ट्रीकृत किसी मोटर यान का स्वामित्व अंतरित हो जाता है और अन्तरिती किसी व्यक्ति के साथ उक्त करार करता है वहाँ अंतिम रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी उक्त करार के पक्षकारों से ऐसे प्ररूप में जो केन्द्रीय सरकार विहित करे, आवेदन मिलने पर, उक्त करार के अस्तित्व की बाबत् रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र में प्रविष्टि करेगा, और इस संबंध में सूचना, मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को भेजी जाएगी, यदि अंतिम रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी नहीं है।
(3) उपधारा (1) या उपधारा (2) के अधीन की गई कोई प्रविष्टि सम्बद्ध पक्षकारों द्वारा ऐसे प्ररूप में, जो केन्द्रीय सरकार विहित करे, आवेदन किए जाने पर उक्त करार की समाप्ति का सबूत दिए जाने पर अंतिम रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी द्वारा रद्द की जा सकेगी, और इस निमित्त सूचना, मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को भेजी जाएगी, यदि अंतिम रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी नहीं है।
(4) जो मोटर यान उक्त करार के अधीन धारित है उसके स्वामित्व के अंतरण का प्रविष्टि रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र में उस व्यक्ति की लिखित सम्मति से ही की जाएगी जिसका नाम रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र में ऐसे व्यक्ति के रूप में विनिर्दिष्ट है जिसके साथ रजिस्ट्रीकृत स्वामी ने उक्त करार किया है न कि अन्यथा।
(5) जहां वह व्यक्ति, जिसका नाम रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र में ऐसे व्यक्ति के रूप में विनिर्दिष्ट है जिसके साथ रजिस्ट्रीकृत स्वामी ने उक्त करार किया है, रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी का समाधान कर देता है कि उसने उक्त करार के उपबंधों के अधीन उस यान पर रजिस्ट्रीकृत स्वामी से कब्जा कर लिया है कब्जा रजिस्ट्रीकृत स्वामी के व्यतिक्रम के कारण कर लिया है और रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र देने से इंकार करता है या फरार हो गया है, वहां ऐसा प्राधिकारी रजिस्ट्रीकृत स्वामी को (उसके उस पते से जो रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र में दिया हुआ है, रसीदी रजिस्ट्री डाक से सूचना भेजकर) ऐसा अभ्यावेदन करने का, जैसा वह करना चाहे, अवसर देने के पश्चात् तथा इस बात के होते हुए भी कि रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र उसके समक्ष पेश नहीं किया गया है उस रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र को रद्द कर सकेगा और उस व्यक्ति के नाम में, जिसके साथ रजिस्ट्रीकृत स्वामी ने उक्त करार किया हो नया रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र जारी कर सकेगा:
परन्तु मोटर यान की बाबत रजिस्ट्रीकरण का नया प्रमाण-पत्र तभी जारी किया जाएगा जब उस व्यक्ति ने विहित फीस दे दी हो, अन्यथा नहीं :
परन्तु यह और कि ऐसे मोटर यान की बाबत, जो परिवहन यान से भिन्न है, जारी किया गया रजिस्ट्रीकरण का नया प्रमाण-पत्र केवल उस शेष अवधि के लिए विधिमान्य होगा जिसके लिए इस उपधारा के अधीन रद्द किया गया प्रमाण-पत्र प्रवृत्त रहता। “
(6) रजिस्ट्रीकृत स्वामी धारा 81 के अधीन परमिट के नवीकरण के लिए या धारा 41 की उपधारा (14) के अधीन रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र की दूसरी प्रति जारी करने के लिए या धारा 47 के अधीन वाहन को एक श्रेणी से दूसरी श्रेणी में परिवर्तित करने या धारा 48 के अन्तर्गत अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने या धारा 49 के अन्तर्गत व्यवसाय संस्थान व पते में परिवर्तन या धारा 52 के अन्तर्गत यान में परिवर्तन करने हेतु आवेदन प्रस्तुत करेगा नया रजिस्ट्रीकरण चिह्न देने के लिए समुचित प्राधिकारी को आवेदन करने के पूर्व उस व्यक्ति को, जिसके साथ रजिस्ट्रीकृत स्वामी ने उक्त करार किया है (ऐसे व्यक्ति को इस धारा में इसके पश्चात् वित्तपोषक कहा गया है) आक्षेप न होने का प्रमाणपत्र (जिसे इस धारा में इसके पश्चात् प्रमाणपत्र कहा गया है) जारी किए जाने के लिए आवेदन करेगा।
स्पष्टीकरण- इस उपधारा और उपधारा (8) और उपधारा (9) के प्रयोजनों के लिए, किसी परमिट के संबंध में “समुचित प्राधिकारी” से वह प्राधिकारी अभिप्रेत है जो इस अधिनियम द्वारा ऐसे परमिट का नवीकरण करने के लिए प्राधिकृत है और रजिस्ट्रीकरण के संबंध में वह प्राधिकारी अभिप्रेत है जो इस अधिनियम द्वारा रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र की दूसरी प्रति जारी करने या नया रजिस्ट्रीकरण चिन्ह देने के लिए प्राधिकृत है।
(7) उपधारा (6) के अधीन आवेदन की प्राप्ति से सात दिन के भीतर वित्तपोषक, आवेदन किए गए प्रमाण-पत्र को जारी कर सकेगा या ऐसे कारणों से जारी करने से इंकार कर सकेगा, जो लेखबद्ध किए जाएंगे और आवेदक को संसूचित किए जाएंगे, और जहां वित्तपोषक उक्त सात दिन की अवधि के भीतर प्रमाण-पत्र जारी करने में असफल रहता है और आवेदक को प्रमाण-पत्र जारी किए जाने से इंकार करने के कारणों को संसूचित करने में भी असफल रहता है वहां उस प्रमाण-पत्र को जिसके लिए आवेदन किया गया है, वित्तपोषक द्वारा जारी किया गया समझा जाएगा।
(8) रजिस्ट्रीकृत स्वामी धारा 81 के अधीन किसी परमिट का नवीकरण करने के लिए समुचित प्राधिकारी को आवेदन करते समय या धारा 41 की उपधारा (14) के अधीन रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र की दूसरी प्रति जारी करने के लिए या धारा 47 के अधीन नया रजिस्ट्रीकरण चिह्न देने के लिए आवेदन करते समय ऐसे आवेदन के साथ उस प्रमाण-पत्र को, यदि कोई हो, जो उपधारा (7) के अधीन अभिप्राप्त किया गया है, देगा या जहां ऐसा प्रमाण-पत्र अभिप्राप्त नहीं किया गया है वहां, यथास्थिति, वित्तपोषक से उस उपधारा के अधीन प्राप्त संसूचना देगा या ऐसी घोषणा करेगा कि उसने उस उपधारा में विनिर्दिष्ट सात दिन की अवधि के भीतर वित्तपोषक से कोई संसूचना प्राप्त नहीं की है।
(9) समुचित प्राधिकारी, उस यान के संबंध में जो उक्त करार के अधीन धारित है किसी परमिट के नवीकरण के लिए या रजिस्टीकरण प्रमाण-पत्र की दूसरी प्रति जारी करने के लिए या नया रजिस्ट्रीकरण चिह्न देने के लिए आवेदन प्राप्त करने पर, इस अधिनियम के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए-
(क) ऐसी दशा में, जब वित्तपोषक ने आवेदन किए गए प्रमाण-पत्र को जारी करने से इंकार कर दिया हो, आवेदक को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात् या तो–
(i) परमिट का नवीकरण कर सकेगा या नवीकरण करने से इंकार कर सकेगा; या
(ii) रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र की दूसरी प्रति जारी कर सकेगा या जारी करने से इंकार कर सकेगा; या
(iii) नया रजिस्ट्रीकरण चिह्न दे सकेगा या देने से इंकार कर सकेगा;
(ख) किसी अन्य दशा में–
(i) परमिट का नवीकरण कर सकेगा; या
(ii) रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र की दूसरी प्रति जारी कर सकेगा; या
(iii) नया रजिस्ट्रीकरण चिह्न दे सकेगा।
(10) निम्नलिखित के संबंध में रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र में कोई प्रविष्टि करने वाला रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी वित्तपोषक को रसीदी रजिस्ट्री डाक द्वारा यह संसूचित करेगा कि ऐसी प्रविष्टि कर दी गई है, अर्थात् :-
(क) किसी मोटर यान का अवक्रय, पट्टा या आडमान करार; या
(ख) किसी प्रविष्टि का उपधारा (3) के अधीन रद्दकरण; या
(ग) किसी मोटर यान के स्वामित्व के अंतरण का अभिलेखन; या
(घ) किसी मोटर यान में कोई परिवर्तन; या
(ङ) किसी मोटर यान के रजिस्ट्रीकरण का निलंबन या रद्दकरण; या
(च) पते में परिवर्तन ।
(11) रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी, नए यान का रजिस्ट्रीकरण करते समय या रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र की दूसरी प्रति या आक्षेप न होने का प्रमाण-पत्र या रजिस्ट्रीकरण का अस्थाई प्रमाण-पत्र जारी करते समय या ठीक हालत में होने का प्रमाण-पत्र जारी करते समय या उसका नवीकरण करते समय या परमिट में किसी अन्य मोटर यान से संबंधित प्रविष्टियों को प्रतिस्थापित करते समय ऐसे संव्यवहार की सूचना वित्तदाता को देगा ।
(12) रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी, जहां वह मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी नहीं है, उपधारा (1) या उपधारा (2) के अधीन प्रविष्टि करते समय या उपधारा (3) के अधीन उक्त प्रविष्टि को रद्द करते समय या उपधारा (5) के अधीन नया रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र जारी करते समय, उसकी संसूचना मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को देगा।
Special provisions regarding motor vehicle subject to hire-purchase agreement, etc.-
(1) Where an application for registration of a motor vehicle which is held under a hire-purchase, lease or hypothecation agreement (hereafter in this section referred to as the said agreement) is made, the registering authority shall make an entry in the certificate of registration regarding the existence of the said agreement.
(2) Where the ownership of any motor vehicle registered under this Chapter is transferred and the transferee enters into the said agreement with any person, the [last registering authority] shall, on receipt of an application in such form as the Central Government may prescribe from the parties to the said agreement, make an entry as to the existence of the said agreement in the certificate of registration [and an intimation in this regard shall be sent to the original registering authority if the last registering authority is not the original registering authority].
(3) Any entry made under sub-section (1) or sub-section (2), may be cancelled by the last registering authority on proof of the termination of the said agreement by the parties concerned on an application being made in such form as the Central Government may prescribe and an intimation in this behalf shall be sent to the original registering authority if the last registering authority is not the original registering authority.
(4) No entry regarding the transfer of ownership of any motor vehicle which is held under the said agreement shall be made in the certificate of registration except with the written consent of the person whose name has been specified in the certificate of registration as the person with whom the registered owner has entered into the said agreement.
(5) Where the person whose name has been specified in the certificate of registration as the person with whom the registered owner has entered into the said agreement satisfies the registering authority that he has taken possession [from the registered owner] of the vehicle owing to the default of the registered owner under the provision of the said agreement and that the registered owner refuses to deliver the certificate of registration or has absconded, such authority may, after giving the registered owner an opportunity to make such representation as he may wish to make (by sending to him a notice by registered post acknowledgement due at his address entered in the certificate of registration) and notwithstanding that the certificate of registration is not produced before it, cancel the certificate and issue a fresh certificate of registration in the name of the person with whom the registered owner has entered into the said agreement :
Provided that a fresh certificate of registration shall not be issued in respect of a motor vehicle, unless such person pays the prescribed fee :
Provided further that a fresh certificate of registration issued in respect of a motor vehicle, other than a transport vehicle, shall be valid only for the remaining period for which the certificate cancelled under this sub-section would have been in force.
(6) The registered owner shall, before applying to the appropriate authority, for the renewal of a permit under section 81 or for the issue of duplicate certificate of registration under sub-section (14) of section 41, or for the assignment of a new registration mark [under section 7, or removal of the vehicle to another State, or at the time of conversion of the vehicle from one class to another, or for issue of no objection certificate under section 48, or for change of residence or place of business under section 49, or for the alteration of the vehicle under section 52 make an application] to the person with whom the registered owner has entered into the said agreement (such person being hereafter in this section referred to as the financier) for the issue of a no objection certificate (hereafter in this section referred to as the certificate).
Explanation — For the purposes of this sub-section and sub-sections (8) and (9), “appropriate authority”, in relation to any permit, means the authority which is authorised by this Act to renew such permit and, in relation to registration means the authority which is authorised by this Act to issue duplicate certificate of registration or to assign a new registration mark.
(7) Within seven days of the receipt of an application under sub-section (6) the financier may issue, or refuse, for reasons which shall be recorded in writing and communicated to the applicant, to issue, the certificate applied for, and where the financier fails to issue the certificate and also fails to communicate the reasons for refusal to issue the certificate to the applicant within the said period of seven days, the certificate applied for shall be deemed to have been issued by the financier.
(8) The registered owner shall, while applying to the appropriate authority for the renewal of any permit under section 81, or for the issue of a duplicate certificate of registration under sub-section (14) of section 41, or while applying for assignment of a new registration mark under section 47, submit with such application the certificate, if any, obtained under sub-section (7) or, where no such certificate has been obtained, the communication received from the financier under that subsection, or, as the case may be, a declaration that he has not received any communication from the financier within the period of seven days specified in that sub-section.
(9) On receipt of an application for the renewal of any permit or for the issue of duplicate certificate of registration or for assignment of a new registration mark in respect of a vehicle which is held under the said agreement, the appropriate authority may, subject to the other provisions of this Act —
(a) in a case where the financier has refused to issue the certificate applied for, after giving the applicant an opportunity of being heard, either –
(i) renew or refuse to renew the permit, or
(ii) issue or refuse to issue the duplicate certificate of registration, or
(iii) assign or refuse to assign a new registration mark;
(b) in any other case —
(i) renew the permit, or
(ii) issue duplicate certificate of registration, or
(iii) assign a new registration mark.
(10) A registering authority making an entry in the certificate of registration regarding-
(a) hire-purchase, lease or hypothecation agreement of motor vehicle, or
(b) the cancellation under sub-section (3) of an entry, or
(c) recording transfer of ownership of motor vehicle, or
(d) any alteration in a motor vehicle, or
(e) suspension or cancellation of registration of a motor vehicle, or
(f) change of address, shall communicate [by registered post acknowledgment due to the financier that such entry has been made.
(11) A registering authority registering the new vehicle, or issuing the duplicate certificate of registration or a no objection certificate or a temporary certificate of registration, or issuing or renewing, a fitness certificate or substituting entries relating to another motor vehicle in the permit, shall intimate the financier of such transaction.
(12) The registering authority where it is not the original registering authority, when making entry under sub-section (1) or sub-section (2), or cancelling the said entry under sub-section (3) or issuing the fresh certificate of registration under subsection (5) shall communicate the same to the original registering authority.
हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 51 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।