नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 163 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 163, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 163 का विवरण
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 163 के अन्तर्गत जब कोई पक्षकार किसी दस्तावेज को, जिसे पेश करने की उसने दूसरे पक्षकार को सूचना दी है, मंगाता है और ऐसी दस्तावेज पेश की जाती है और उस पक्षकार द्वारा, जिसने उसके पेश करने की माँग की थी, निरीक्षित हो जाती है, तब यदि उसे पेश करने वाला पक्षकार उससे ऐसा करने की अपेक्षा करता है, तो वह उसे साक्ष्य के रूप में देने के लिए आबद्ध होगा।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 163 के अनुसार
मंगाई गई और सूचना पर पेश की गई दस्तावेज का साक्ष्य के रूप में दिया जाना—
जबकि कोई पक्षकार किसी दस्तावेज को, जिसे पेश करने की उसने दूसरे पक्षकार को सूचना दी है, मंगाता है और ऐसी दस्तावेज पेश की जाती है और उस पक्षकार द्वारा, जिसने उसके पेश करने की माँग की थी, निरीक्षित हो जाती है, तब यदि उसे पेश करने वाला पक्षकार उससे ऐसा करने की अपेक्षा करता है, तो वह उसे साक्ष्य के रूप में देने के लिए आबद्ध होगा।
Giving, as evidence, of document called for and produced on notice-
When a party calls for a document which he has given the other party notice to produce, and such document is produced and inspected by the party calling for its production, he is bound to give it as evidence if the party producing it requires him to do so.
हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 163 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।