नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 73 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 73, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 73 का विवरण
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 73 के अन्तर्गत यह अभिनिश्चित करने के लिए कि क्या कोई हस्ताक्षर, लेख या मुद्रा उस व्यक्ति की है, जिसके द्वारा उसका लिखा या किया जाना तात्पर्यित है, किसी हस्ताक्षर, लेख या मुद्रा की, जिसके बारे में यह स्वीकृत है या न्यायालय को समाधानप्रद रूप में साबित कर दिया गया है कि वह उस व्यक्ति द्वारा लिखा या किया गया था, उससे, जिसे साबित किया जाना है, तुलना की जा सकेगी, यद्यपि वह हस्ताक्षर, लेख या मुद्रा किसी अन्य प्रयोजन के लिए पेश या साबित न की गई हो।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 73 के अनुसार
हस्ताक्षर, लेख, या मुद्रा की तुलना अन्यों से जो स्वीकृत या साबित हैं–
यह अभिनिश्चित करने के लिए कि क्या कोई हस्ताक्षर, लेख या मुद्रा उस व्यक्ति की है, जिसके द्वारा उसका लिखा या किया जाना तात्पर्यित है, किसी हस्ताक्षर, लेख या मुद्रा की, जिसके बारे में यह स्वीकृत है या न्यायालय को समाधानप्रद रूप में साबित कर दिया गया है कि वह उस व्यक्ति द्वारा लिखा या किया गया था, उससे, जिसे साबित किया जाना है, तुलना की जा सकेगी, यद्यपि वह हस्ताक्षर, लेख या मुद्रा किसी अन्य प्रयोजन के लिए पेश या साबित न की गई हो।
न्यायालय में उपस्थित किसी व्यक्ति को किन्हीं शब्दों या अंकों के लिखने का निदेश न्यायालय इस प्रयोजन से दे सकेगा कि ऐसे लिखे गए शब्दों या अंकों की किन्हीं ऐसे शब्दों या अंकों से तुलना करने के लिए न्यायालय समर्थ हो सके जिनके बारे में अभिकथित है कि वे उस व्यक्ति द्वारा लिखे गए थे।
यह धारा किन्हीं आवश्यक उपान्तरों के साथ अंगुलि छापों को भी लागू है।
Comparison of signature, writing or seal with others admitted or proved-
In order to ascertain whether a signature, writing, or seal is that of the person by whom it purports to have been written or made, any signature, writing or seal admitted or proved to the satisfaction of the Court to have been written or made by that person may be compared with the one which is to be proved, although that signature, writing, or seal has not been produced or proved for any other purpose.
The Court may direct any person present in Court to write any words or figures for the purpose of enabling the Court to compare the words or figures so written with any words or figures alleged to have been written by such person.
This section applies also, with any necessary modification, to finger-impressions.
हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 73 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
Sir m apne signeture me apna name hi rakhu ye jarori h kya ya m atho koi name se singnture bana sakta hu
name jaruri nhi chahe name rakho ya anpne singnature, bs yad rakhna jaruri