नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 78 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 78, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 78 का विवरण
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 78 के अन्तर्गत केन्द्रीय सरकार के किसी विभाग के, या क्राउन रिप्रेजेन्टेटिव के, या किसी राज्य सरकार के, या किसी राज्य सरकार के किसी विभाग के कार्य, आदेश या अधिसूचनाएँ उन विभागों के अभिलेखों द्वारा, जो क्रमशः उन विभागों के मुख्य पदाधिकारियों द्वारा प्रमाणित हैं या किसी दस्तावेज द्वारा जो ऐसी किसी सरकार के या यथास्थिति, क्राउन रिप्रेजेन्टेटिव के आदेश द्वारा मुद्रित हुई तात्पर्यित है।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 78 के अनुसार
अन्य शासकीय दस्तावेजों का सबूत-
निम्नलिखित लोक दस्तावेजें निम्नलिखित रूप से साबित की जा सकेंगी-
(1) केन्द्रीय सरकार के किसी विभाग के, या क्राउन रिप्रेजेन्टेटिव के, या किसी राज्य सरकार के, या किसी राज्य सरकार के किसी विभाग के कार्य, आदेश या अधिसूचनाएँ-
उन विभागों के अभिलेखों द्वारा, जो क्रमशः उन विभागों के मुख्य पदाधिकारियों द्वारा प्रमाणित हैं,
या किसी दस्तावेज द्वारा जो ऐसी किसी सरकार के या यथास्थिति, क्राउन रिप्रेजेन्टेटिव के आदेश द्वारा मुद्रित हुई तात्पर्यित है;
(2) विधान मण्डलों की कार्यवाहियाँ-
क्रमश: इन निकायों के जर्नलों द्वारा, या प्रकाशित अधिनियमों या संक्षिप्तियों द्वारा, या सम्पृक्त सरकार के आदेश द्वारा मुद्रित होना तात्पर्यित होने वाली प्रतियों द्वारा;
(3) हर मैजेस्टी द्वारा या प्रिवी कौंसिल द्वारा, या हर मैजेस्टी की सरकार के किसी विभाग द्वारा निकाली गई उद्घोषणाएँ, आदेश या विनियम-
लन्दन गजट में अन्तर्विष्ट या क्वीन्स प्रिन्टर द्वारा मुद्रित होना तात्पर्यित होने वाली प्रतियों या उद्धरणों द्वारा;
(4) किसी विदेश की कार्यपालिका के कार्य या विधानमण्डल की कार्यवाहियाँ-
उनके प्राधिकार से प्रकाशित, या उस देश में सामान्यत: इस रूप में गृहीत, जर्नलों द्वारा, या उस देश या प्रभु की मुद्रा के अधीन प्रमाणित प्रति द्वारा, या किसी केन्द्रीय अधिनियम में
उनकी मान्यता द्वारा;
(5) किसी राज्य के नगरपालिका निकाय की कार्यवाहियाँ, –
ऐसी कार्यवाहियों की ऐसी प्रति द्वारा, जो उनके विधिक पालक द्वारा प्रमाणित है, या ऐसे निकाय के प्राधिकार से प्रकाशित हुई तात्पर्यित होने वाली किसी मुद्रित पुस्तक द्वारा;
(6) किसी विदेश की किसी अन्य प्रकार की लोक दस्तावेजें, –
मूल द्वारा, या उसके विधिक पालक द्वारा प्रमाणित किसी प्रति द्वारा, जिस प्रति के साथ किसी नोटरी पब्लिक की या भारतीय कौंसिल की या राजनयिक अभिकर्ता की मुद्रा के अधीन यह प्रमाण-पत्र है कि वह प्रति मूल की विधिक अभिरक्षा रखने वाले आफिसर द्वारा सम्यक् रूप से प्रमाणित है, तथा उस दस्तावेज की प्रकृति उस विदेश की विधि के अनुसार साबित किये जाने पर।
Proof of other official documents-
The following public documents may be proved as follows-
(1) Acts, orders or notifications of the Central Government in any of its departments, or of the Crown Representative or of any State Government or any department of any State Government-
by the records of the departments, certified by the heads of those departments respectively,
or by any document purporting to be printed by order of any such Government or, as the case may be, of the Crown Representative;
(2) the proceedings of the Legislatures-
by the journals of those bodies respectively, or by published Acts or abstracts, or by copies purporting to be printed by order of the Government concerned;
(3) proclamations, orders or regulations issued by Her Majesty or by the Privy Council, or by any department of Her Majesty’s Government-
by copies or extracts contained in the London Gazette, or purporting to be printed by the Queen’s Printer;
(4) the Acts of the Executive or the proceedings of the Legislature of a foreign country-
by journals published by their authority, or commonly received in that country as such, or by a copy certified under the seal of the country or sovereign, or by a recognition thereof in some Central Act;
(5) the proceedings of a municipal body in a State-
by a copy of such proceedings, certified by the legal keeper thereof, or by a printed book purporting to be published by the authority of such body;
(6) Public documents of any other class in a foreign country-
by the original, or by a copy certified by the legal keeper thereof, with a certificate under the seal of a Notary Public, or of an Indian Counsel or diplomatic agent, that the copy is duly certified by the officer having the legal custody of the original, and upon proof of the character of the document according to the law of the foreign country.
हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 78 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।