नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 85C के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 85C, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 85C का विवरण
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 85C के अन्तर्गत यदि प्रतिकूल साबित नहीं किया जाता, तो न्यायालय उपधारणा करेगा कि इलेक्ट्रानिक हस्ताक्षर प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध सूचना सही है, सिवाय उस सूचना के, जो हस्ताक्षरकर्ता की सूचना के रूप में विनिर्दिष्ट है और जिसे सत्यापित नहीं किया गया है, यदि प्रमाणपत्र हस्ताक्षरकर्ता द्वारा स्वीकार किया जाता है।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 85C के अनुसार
इलेक्ट्रानिक हस्ताक्षर प्रमाणपत्र के बारे में उपधारणा–
यदि प्रतिकूल साबित नहीं किया जाता, तो न्यायालय उपधारणा करेगा कि इलेक्ट्रानिक हस्ताक्षर प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध सूचना सही है, सिवाय उस सूचना के, जो हस्ताक्षरकर्ता की सूचना के रूप में विनिर्दिष्ट है और जिसे सत्यापित नहीं किया गया है, यदि प्रमाणपत्र हस्ताक्षरकर्ता द्वारा स्वीकार किया जाता है।
Presumption as to Electronic Signature Certificates-
The Court shall presume, unless contrary is proved, that the information listed in a Electronic Signature Certificate is correct, except for information specified as subscriber information which has not been verified, if the certificate was accepted by the subscriber.
हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 85C की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।