जो भी कोई किसी स्त्री की सहमति के बिना, चाहे वह स्त्री स्पन्दनगर्भा हो या नहीं, उसका गर्भपात कारित करेगा या पूर्ववर्ती धारा में परिभाषित अपराध करेगा, तो उसे आजीवन कारावास, या किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा ।
हम आये दिन सुनते है कि किसी व्यक्ति ने स्त्री की सहमति के बिना ही गर्भपात पारित किया, अथवा किसी स्त्री के पति ने अपनी पत्नी को बिना बताये, उसका गर्भपात करा दिया तो वह भारतीय दण्ड संहिता की धारा-313 के अन्तर्गत सजा का भागीदार होगा ।
लागू अपराध
स्त्री की सहमति के बिना गर्भपात कारित करना।
सजा –आजीवन कारावास या 10 वर्ष का कारावास व आर्थिक दण्ड अथवा दोनो, यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय व्दारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा-313 के सजा का प्रवधान
कोई व्यक्ति किसी स्त्री के साथ, बिना उसकी सहमति के गर्भपात कारित करता है तो वह व्यक्ति आजीवन कारावास या 10 वर्ष कारावास व आर्थिक दण्ड अथवा दोनो का भागीदार होगा ।