नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको आईपीसी की रोचक धारा के बारे में बताएंगे। जो कोई व्यक्ति जरा सी बात को लेकर तेजाब फेंक देते है, जी हां आज हम बात करने जा रहे जो व्यक्ति ऐसी किसी व्यक्ति पर तेजाब फेंकने का प्रयास करते है या सेवन कराने का प्रयास करता हैं तो वह भारतीय दण्ड संहिता की धारा 326B अप्लाई होती है, जिसके अंतर्गत ही अपराधी को कारावास और जुर्माने अथवा दोनो से दंडित किया जाएगा। आइए जानते है, क्या कहती है ? धारा 326B साथ ही सम्पूर्ण जानकारी आपको इस लेख के माध्यम से देंगे।
धारा 326B का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में आज हम बात करेंगे धारा 326B के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जब कोई व्यक्ति किसी पर तेजाब द्वारा चोट पहुंचाने के उद्देश्य से हमला करता है, या हमला करने का प्रयास करता है तो वह व्यक्ति भारतीय दण्ड संहिता की धारा 326B के अंतर्गत अपराधी होगा। इस लेख के माध्यम से हम आपको दंड, जमानत कैसे मिलेगी और इत्यादि की जानकारी आप को देगें। ।
आईपीसी की धारा 326B के अनुसार-
स्वेच्छया तेजाब फेंकना या फेंकने का प्रयास करना-
जो कोई किसी व्यक्ति पर तेजाब फेंकेगा या फेंकने का प्रयास करेगा या किसी व्यक्ति को तेजाब का सेवन कराने का प्रयत्न करेगा या उस व्यक्ति को स्थायी या आंशिक नुकसान या विद्रूपता या दाह कारित करने या विकलांग बनाने या विद्रूपता या निःशक्त या घोर उपहति कारित करने के आशय से किन्हीं अन्य उपायों का प्रयोग करने का प्रयास करेगा, वह दोनों से ऐसे किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि पाँच वर्ष से न्यून नहीं होगी, किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जायेगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
Voluntarily throwing or attempting to throw acid-
Whoever throws or attempts to throw acid on any person or attempts to administer acid to any person, or attempts to use any other means, with the intention of causing permanent or partial damage or deformity or burns or maiming or disfigurement or disability or grievous hut to that person, shall be punished with imprisonment of either description for a term which shall not be less than five years but which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.
स्पष्टीकरण 1– धारा 326क एवं इस धारा के प्रयोजनों के लिए “तेजाब” के अन्तर्गत ऐसा कोई पदार्थ भी शामिल है, जिसका अम्लीय या संक्षारक स्वभाव है या दाह करने की प्रकृति है, जो ऐसी शारीरिक क्षति कारित करने के योग्य है, जिसका परिणाम क्षतचिन्ह बनने या विद्रूपता या अस्थायी अथवा स्थायी निर्योग्यता में होगा।
स्पष्टीकरण 2– धारा 326क एवं इस धारा के प्रयोजनों के लिए, स्थायी या आंशिक नुकसान या अंगविकार का अपरिवर्तनीय होना आवश्यक नहीं होगा।]
लागू अपराध
स्वेच्छया तेजाब फेंकना या फेंकने का प्रयत्न करना।
सजा- पांच वर्ष का कारावास, किंतु जो सात वर्ष तक का हो सकेगा और जुर्माना।
यह एक गैर जमानती, संज्ञेय अपराध है और सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौते योग्य नही है।
सजा (Punishment) का प्रावधान
जब कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति पर तेजाब अथवा कोई विषेला केमिकल, पीड़ित व्यक्ति के अंग पर फेकता है या फेंकने का प्रयास करता है या सेवन कराता है या सेवन करने का प्रयास कराता है जबकि उसे ज्ञात है कि वह पीड़ित व्यक्ति को इससे गम्भीर चोट आएंगी और उसकी जान भी जा सकती है। ऐसा कृत्य करता है तो वह व्यक्ति पांच वर्ष के लिए कारावास, किंतु जो सात वर्ष तक की सकेगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
जमानत (Bail) का प्रावधान
जब कोई व्यक्ति तेजाब हमला करता है या हमला करने का प्रयास करता है अथवा सेवन कराता है या सेवन करने का प्रयास कराता है तो इस तरह के मामले में पुलिस द्वारा धारा 326B के अंतर्गत FIR दर्ज करके अपराधी को पकड़कर कारावास में बंद कर देती है और मामले की पूर्ण जांच करके न्यायालय को चार्जशीट पेश करती है, इसलिए जमानत नहीं मिल पाएगी। यह अपराध एक गैर जमानतीय, संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। यह अपराध गैर जमानतीय होने के कारण जमानत नही मिल पाएगी। न्यायालय द्वारा ट्रायल के पश्चात् ही दोषी या निर्दोष साबित होगा।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
स्वेच्छया तेजाब फेंकना या फेंकने का प्रयत्न करना। | पांच वर्ष का कारावास, किंतु जो सात वर्ष तक का हो सकेगा और जुर्माना। | संज्ञेय | जमानतीय | सेशन न्यायालय द्वारा |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 326B की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी , फिर भी अगर आपके पास कोई सवाल हो,तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है ।