नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 402 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 402 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 402 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 402 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई व्यक्ति किसी भी समय डकैती करने के प्रयोजन से एकत्रित पाँच या अधिक व्यक्तियों में से एक होगा, तो वह धारा 402 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
आईपीसी की धारा 402 के अनुसार
डकैती करने के प्रयोजन से एकत्रित होना-
जो कोई इस अधिनियम के पारित होने के पश्चात् किसी भी समय डकैती करने के प्रयोजन से एकत्रित पाँच या अधिक व्यक्तियों में से एक होगा, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जायेगा, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
Assembling for purpose of committing dacoity-
Whoever, at any time after the passing of this Act, shall be one of five or more persons assembled for the purpose of committing dacoity, shall be punished with rigorous imprisonment for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.
लागू अपराध
डकैती करने के प्रयोजन के लिए एकत्रित पांच या अधिक व्यक्तियों में एक होना।
सजा- सात वर्ष के लिए कठिन कारावास और जुर्माना।
यह अपराध एक गैर-जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौते योग्य नहीं है।
जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 402 के अंतर्गत जो कोई व्यक्ति किसी भी समय डकैती करने के प्रयोजन से एकत्रित पाँच या अधिक व्यक्तियों में से एक होगा, तो वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जायेगा, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
जमानत (Bail) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 402 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर-जमानतीय (Non-Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत नहीं मिल सकेगी।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
डकैती करने के प्रयोजन के लिए एकत्रित पांच या अधिक व्यक्तियों में एक होना। | सात वर्ष के लिए कठिन कारावास और जुर्माना। | संज्ञेय | गैर-जमानतीय | सेशन न्यायालय द्वारा |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 402 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।