आईपीसी की धारा 443 | प्रच्छन्न गृह-अतिचार | IPC Section- 443 in hindi | Lurking house-trespass.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 443 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 443? साथ ही हम आपको IPC की धारा 443, क्या परिभाषित करती है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

IPC की धारा 443 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 443 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय दंड संहिता की धारा 443 प्रच्छन्न गृह-अतिचार (Lurking house-trespass) को परिभाषित किया गया है, इस लेख के माध्यम से समझने का प्रयास करेंगे।

आईपीसी की धारा 443 के अनुसार

प्रच्छन्न गृह-अतिचार-

जो कोई यह पूर्वावधानी बरतने के पश्चात् गृह अतिचार करता है कि – ऐसे गृह-अतिचार को किसी ऐसे व्यक्ति से छिपाया जाए जिसे उस निर्माण, तम्बू या जलयान में से, जो अतिचार का विषय है, अतिचारी को अपवर्जित करने या बाहर कर देने का अधिकार है, वह “प्रच्छन्न गृह ” अतिचार करता है, यह कहा जाता है।

Lurking house-trespass-
Whoever commits house-trespass having taken precaution to conceal such house-trespass from some person who has a right to exclude or eject the trespasser from the building, tent or vessel which is the subject of the trespass, is said to commit “lurking house-trespass”.

प्रच्छन्न गृह-अतिचार क्या है?

साधारण भाषा में प्रच्छन्न गृह-अतिचार (Lurking house-trespass), जो कोई व्यक्ति सावधानी बरतने के पश्चात् भी, गृह अतिचार करता है। ऐसे गृह-अतिचार को किसी ऐसे व्यक्ति से छिपाया जाए जिसे उस निर्माण, तम्बू या जलयान में से, जो अतिचार का विषय है, अतिचारी को अपवर्जित करने या बाहर कर देने का अधिकार है, वह “प्रच्छन्न गृह ” अतिचार करता है, यह कहा जाता है।

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 443 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप बेझिझक कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
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