नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 95 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 95 साथ ही हम आपको IPC की धारा 95 सम्पूर्ण जानकारी एवम् परिभाषा इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 95 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 95 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। वह तुच्छ हानि करने वाला कार्य अर्थात् किसी व्यक्ति द्वारा ऐसा कार्य करता, जिससे सामने वाले की ऐसी हानि होती है, लेकिन जिस व्यक्ति के साथ ऐसी हानि की गई है, उसे ज्ञात है, यह हानि इतनी तुच्छ है, कि मामूली समझ और स्वभाव वाला कोई व्यक्ति इसकी शिकायत नहीं करता, तब भी यह अपराध की श्रेणी में नहीं आका जायेगा। यह धारा ऐसे मामलो को परिभाषित करती है, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 95 इसी विषय के बारे में बतलाती है।
आईपीसी की धारा 95 के अनुसार-
तुच्छ अपहानि कारित करने वाला कार्य –
कोई बात इस कारण से अपराध नहीं है कि उससे वह इतनी तुच्छ है कि कोई अपहानि कारित होती है या कारित की जानी आशयित है या कारित होने की सम्भाव्यता ज्ञात है, यदि मामूली समझ और स्वभाव वाला कोई व्यक्ति उसकी शिकायत न करेगा।
Act causing slight harm-
Nothing is an offence by reason that it causes, or that it is intended to cause, or that it is known to be likely to cause, any harm, if that harm is so slight that no person of ordinary sense and temper would complain of such harm.
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 95 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके पास कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।