नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 180 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 180, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 180 का विवरण
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -180 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई किसी मोटर यान का स्वामी या भारसाधक व्यक्ति होते हुए ऐसे अन्य किसी व्यक्ति से, जो धारा 3 या धारा 4 के उपबंधों की पूर्ति नहीं करता है, यान चलवाएगा या चलाने देगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या पांच हजार रुपए के जुर्माने से, अथवा दोनों से, दण्डनीय होगा।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 180 के अनुसार
अप्राधिकृत व्यक्तियों को यान चलाने की अनुज्ञा देना-
जो कोई किसी मोटर यान का स्वामी या भारसाधक व्यक्ति होते हुए ऐसे अन्य किसी व्यक्ति से, जो धारा 3 या धारा 4 के उपबंधों की पूर्ति नहीं करता है, यान चलवाएगा या चलाने देगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या पांच हजार रुपए के जुर्माने से, अथवा दोनों से, दण्डनीय होगा।
Allowing unauthorised persons to drive vehicles-
Whoever, being the owner or person in charge of a motor vehicle, causes, or permits, any other person who does not satisfy the provisions of section 3 or section 4 to drive the vehicle shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to three months or with fine of five thousand rupees, or with both.
हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 180 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।