नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 216 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 216, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 216 का विवरण
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -216 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। राज्य सरकार, इस अधिनियम के उपबंधों को प्रभावी करने में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है तो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में प्रकाशित आदेश द्वारा, इस अधिनियम के उपबंधों से सुसंगत ऐसे उपबंध कर सकेगी जो उसे कठिनाई को दूर करने के लिए आवश्यक या समीचीन प्रतीत होते हैं।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 216 के अनुसार
कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति-
(1) यदि इस अधिनियम के उपबंधों को प्रभावी करने में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है तो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में प्रकाशित आदेश द्वारा, इस अधिनियम के उपबंधों से सुसंगत ऐसे उपबंध कर सकेगी जो उसे कठिनाई को दूर करने के लिए आवश्यक या समीचीन प्रतीत होते हैं:
परन्तु ऐसा कोई आदेश इस अधिनियम के प्रारंभ की तारीख से तीन वर्ष की अवधि की समाप्ति के पश्चात् नहीं किया जाएगा।
(2) इस धारा के अधीन किया गया प्रत्येक आदेश, बनाए जाने के पश्चात् यथासंभव शीघ्र, संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखा जाएगा।
Power to remove difficulties-
(1) If any difficulty arises in giving effect to the provisions of this Act, the Central Government may, by order published in the Official Gazette, make such provisions, not inconsistent with the provisions of this Act as appear to it to be necessary or expedient for removing the difficulty:
Provided that no such order shall be made after the expiry of a period of three years from the date of commencement of this Act.
(2) Every order made under this section shall, as soon as may be after it is made, be laid before each House of Parliament.
हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 216 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।