नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 49 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 49, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 49 का विवरण
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -49 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस अधिनियम के आधीन यदि किसी मोटर यान का स्वामी उस स्थान पर, जिसका पता यान के रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र में अभिलिखित है, निवास करना छोड़ देता है या अपने कारबार का स्थान बंद कर देता है तो वह अपने पते के ऐसे किसी परिवर्तन के तीस दिन के अंदर अपने पते की सूचना प्रस्तुत कर परिवर्तन किया जा सकता है।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 49 के अनुसार
निवास-स्थान या कारबार के स्थान का परिवर्तन-
(1) यदि किसी मोटर यान का स्वामी उस स्थान पर, जिसका पता यान के रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र में अभिलिखित है, निवास करना छोड़ देता है या अपने कारबार का स्थान बंद कर देता है तो वह अपने पते के ऐसे किसी परिवर्तन के तीस दिन के अंदर अपने पते की सूचना ऐसे प्ररूप में और ऐसे दस्तावेजों सहित जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किए जाएं उस रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को जिसने रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र दिया था या यदि नया पता किसी अन्य राज्य में रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी की अधिकारिता के भीतर है, तो उस अन्य रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को देगा तथा उसके साथ ही रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र को भी, यथास्थिति, रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या अन्य रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को भेज देगा जिससे नया पता उसमें प्रविष्ट किया जा सके।
(1क) उपधारा (1) के अधीन संसूचना समुचित रजिस्ट्रीकरण प्राधिकारी को ऐसे दस्तावेजों के इलैक्ट्रानिक प्ररूप के साथ इलैक्ट्रानिक प्ररूप में, जिसके अंतर्गत ऐसी रीति में अधिप्रमाणन का सबूत भी है, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए, भेजी जा सकेगी ।
(2) यदि मोटर यान का स्वामी संबद्ध रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को अपने नए पते की सूचना उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर देने में असफल रहता है तो रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी मामले की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, स्वामी से उस कार्यवाही के बदले में, जो धारा 177 के अधीन उसके विरुद्ध की जाए, पांच सौ रुपए से अनधिक उतनी रकम का, जो उपधारा (4) के अधीन विहित की जाए, संदाय करने की अपेक्षा कर सकेगा :
परन्तु धारा 177 के अधीन स्वामी के विरुद्ध कार्यवाही तभी की जाएगी जब वह उक्त रकम का संदाय करने में असफल रहता है ।
(3) जहां किसी व्यक्ति ने उपधारा (2) के अधीन रकम का संदाय कर दिया है वहां उसके विरुद्ध धारा 177 के अधीन कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी ।
(4) उपधारा (2) के प्रयोजनों के लिए राज्य सरकार, अपने नए पते की सूचना देने में हुए विलंब की अवधि को ध्यान में रखते हुए, भिन्न-भिन्न रकमें विहित कर सकेगी ।
(5) उपधारा (1) के अधीन सूचना की प्राप्ति पर रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी, ऐसा सत्यापन करने के पश्चात् जो वह ठीक समझे, नए पते को रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र में प्रविष्ट करवाएगा ।
(6) मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी से भिन्न रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी, जो ऐसी प्रविष्टि करता है, परिवर्तित पते की संसूचना मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को देगा।
(7) उपधारा (1) की कोई बात उस दशा में लागू नहीं होगी जब रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र में अभिलिखित पते में परिवर्तन, ऐसी अस्थायी अनुपस्थिति के कारण हुआ है जिसकी अवधि छह मास से अधिक होनी आशयित नहीं है या जब मोटर यान का रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र में अभिलिखित पते पर न तो उपयोग किया जाता है और न वहाँ से हटाया जाता है।
Change of residence or place of business-
(1) If the owner of a motor vehicle ceases to reside or have his place of business at the address recorded in the certificate of registration of the vehicle, he shall, within thirty days of any such change of address, intimate in such form accompanied by such documents as may be prescribed by the Central Government, his new address, to the registering authority by which the certificate of registration was issued, or, if the new address is within the jurisdiction of another [State, to any registering authority in that State], and shall at the same time forward the certificate of registration to the registering authority or, as the case may be, to the other registering authority in order that the new address may be entered therein.
(1A) The intimation under sub-section (1) may be sent to the appropriate registering authority in electronic form along with the electronic form of such documents, including proof of authentication in such manner as may be prescribed by the Central Government.
(2) If the owner of a motor vehicle fails to intimate his new address to the concerned registering authority within the period specified in sub-section (1), the registering authority may, having regard to the circumstances of the case, require the owner to pay, in lieu of any action that may be taken against him under section 177, such amount not exceeding [five hundred rupees] as may be prescribed under sub-section (4):
Provided that action under section 177 shall be taken against the owner where he fails to pay the said amount.
(3) Where a person has paid the amount under sub-section (2), no action shall be taken against him under section 177.
(4) For the purposes of sub-section (2), a State Government may prescribe different amounts having regard to the period of delay in intimating his new address.
(5) On receipt of intimation under sub-section (1), the registering authority may, after making such verification as it may think fit, cause the new address to be entered in the certificate of registration.
(6) A registering authority other than the original registering authority making any such entry shall communicate the altered address to the original registering authority.
(7) Nothing in sub-section (1) shall apply where the change of the address recorded in the certificate of registration is due to a temporary absence not intended to exceed six months in duration or where the motor vehicle is neither used nor removed from the address recorded in the certificate of registration.
हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 49 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।