नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 50 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 50, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 50 का विवरण
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -50 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस अधिनियम के आधीन यदि किसी मोटर यान का स्वामी किसी यान को स्वामित्व का ट्रान्सर्फर करना चाहते है, तो वह धारा-50 के अन्तर्गत अपने वाहन के स्वामित्व का बदलाव किया जा सकता है।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 50 के अनुसार
स्वामित्व का अंतरण-
(1) जब इस अध्याय के अधीन रजिस्ट्रीकृत किसी मोटर यान का स्वामित्व अंतरित किया जाता है तब-
(क) अंतरक-
(i) उसी राज्य के भीतर रजिस्ट्रीकृत यान की दशा में अंतरण के चौदह दिन के भीतर अंतरण के तथ्य की रिपोर्ट ऐसे प्ररूप में और ऐसे दस्तावेजों सहित और ऐसी रीति से जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए उस रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को देगा जिसकी अधिकारिता के भीतर वह अंतरण किया जाने वाला है और उसी समय उक्त रिपोर्ट की एक प्रति अंतरिती को भेजेगा; और
(ii) राज्य के बाहर रजिस्ट्रीकृत यान की दशा में, अंतरण के पैंतालीस दिन के भीतर, उपखंड (1) में निर्दिष्ट रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को–
(क) धारा 48 के अधीन प्राप्त आक्षेप न होने का प्रमाण-पत्र भेजेगा; या
(ख) ऐसे मामले में, जहां ऐसा प्रमाण-पत्र प्राप्त नहीं किया गया है–
(I) धारा 48 की उपधारा (2) के अधीन प्राप्त रसीद; या
(II) यदि उसने धारा 48 में निर्दिष्ट रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को इस निमित्त आवेदन रसीदी रजिस्ट्री डाक द्वारा भेजा है तो अंतरक द्वारा प्राप्त डाक रसीद भेजेगा,
जिसके साथ यह घोषणा होगी कि उसे ऐसे प्राधिकारी से ऐसी कोई संसूचना प्राप्त नहीं हुई है जिसमें ऐसा प्रमाण-पत्र दिए जाने से इंकार किया गया है या ऐसे किसी निर्देश का पालन करने की उससे अपेक्षा की गई है जिसके अधीन ऐसा प्रमाण-पत्र दिया जा सकेगा;
(ख) अंतरिती उस अंतरण की रिपोर्ट अंतरण के तीस दिन के अंदर उस रजिस्टीकर्ता प्राधिकारी को देगा जिसकी अधिकारिता के भीतर, यथास्थिति, उसका निवास-स्थान या कारबार का स्थान है जहां यान सामान्यतया रखा जाता है, और रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र विहित फीस तथा उसके द्वारा अंतरक से प्राप्त रिपोर्ट की एक प्रति के साथ उस रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को भेजेगा जिससे स्वामित्व के अंतरण की विशिष्टियाँ रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र में प्रविष्ट की जा सके।
(2) जहाँ-
(क) उस व्यक्ति की जिसके नाम में मोटर यान रजिस्ट्रीकृत है, मृत्यु हो जाती है, या
(ख) मोटर यान सरकार द्वारा या उसकी ओर से की गई किसी सार्वजनिक नीलामी में क्रय या अर्जित किया गया है,
वहाँ यान के कब्जे को उत्तराधिकार में प्राप्त करने वाला व्यक्ति या, यथास्थिति, वह व्यक्ति जिसने मोटर यान क्रय या अर्जित किया है, अपने नाम में यान के स्वामित्व का अंतरण कराने के प्रयोजन के लिए उस रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को, जिसकी अधिकारिता में, यथास्थिति, उसका निवास स्थान या कारबार का स्थान है, जहाँ यान सामान्यतया रखा जाता है, ऐसी रीति में ऐसी विहित फीस सहित और ऐसी अवधि के भीतर, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए आवेदन करेगा ।
(3) यदि अंतरक या अंतरिती रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को अंतरण के तथ्य की रिपोर्ट, यथास्थिति, उपधारा (1) के खंड (क) या खंड (ख) में विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर करने में असफल रहता है, या यदि वह व्यक्ति जिससे उपधारा (2) के अधीन आवेदन करने की अपेक्षा की जाती है (जिसे इस धारा में इसके पश्चात् अन्य व्यक्ति कहा गया है) विहित अवधि के भीतर ऐसा आवेदन करने में असफल रहता है तो रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी मामले की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, यथास्थिति, अंतरक या अंतरिती या अन्य व्यक्ति से ऐसी कार्यवाही के बदले में जो धारा 177 के अधीन उसके विरुद्ध की जाए, एक सौ रुपए से अनधिक उतनी रकम का, जो उपधारा (5) के अधीन विहित की जाए, संदाय करने की अपेक्षा कर सकेगा:
परन्तु धारा 177 के अधीन कोई कार्यवाही, यथास्थिति, अंतरक या अंतरिती या अन्य व्यक्ति के विरुद्ध वहां की जाएगी जहां वह उक्त रकम का संदाय करने में असफल रहता है ।
(4) जहां किसी व्यक्ति ने उपधारा (3) के अधीन रकम का संदाय कर दिया है, वहां उसके विरुद्ध धारा 177 के अधीन कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी।
(5) उपधारा (3) के प्रयोजनों के लिए, राज्य सरकार, मोटर यान के स्वामित्व के अंतरण के तथ्य की रिपोर्ट देने में अंतरक या अंतरिती या उपधारा (2) के अधीन आवेदन करने में अन्य व्यक्ति की ओर से किए गए विलंब की अवधि को ध्यान में रखते हुए भिन्न-भिन्न रकमें विहित कर सकेगी।
(6) उपधारा (1) के अधीन रिपोर्ट की या उपधारा (2) के अधीन आवेदन की प्राप्ति पर रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी स्वामित्व के अंतरण को रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र में प्रविष्ट करा सकेगा।
(7) रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी, जो ऐसी कोई प्रविष्टि करता है, स्वामित्व के अंतरण की संसूचना अंतरक को, और यदि वह मूल रजिस्ट्रकर्ता प्राधिकारी नहीं है, तो मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को देगा।
Transfer of ownership-
(1) Where the ownership of any motor vehicle registered under this Chapter is transferred-
(a) the transferor shall-
(i) in the case of a vehicle registered within the same State, within fourteen days of the transfer, report the fact of transfer, in such form with such documents and in such manner, as may be prescribed by the Central Government to the registering authority within whose jurisdiction the transfer is to be effected and shall simultaneously send a copy of the said report to the transferee; and
(ii) in the case of a vehicle registered outside the State, within forty-five days of the transfer, forward to the registering authority referred to in sub-section (i)-
(A) the no objection certificate obtained under section 48; or
(B) in a case where no such certificate has been obtained-
(i) the receipt obtained under sub-section (2) of section 48; or
(II) the postal acknowledgement received by the transferee if he has sent an application in this behalf by registered post acknowledgement due to the registering authority referred to in section 48,
together with a declaration that he has not received any communication from such authority refusing to grant such certificate or requiring him to comply with any direction subject to which such certificate may be granted;
(b) the transferee shall, within thirty days of the transfer, report the transfer to the registering authority within whose jurisdiction he has the residence or place of business where the vehicle is normally kept as the case may be, and shall forward the certificate of registration to that registering authority together with the prescribed fee and a copy of the report received by him from the transferor in order that particulars of the transfer of ownership may be entered in the certificate of registration.
(2) Where–
(a) the person in whose name a motor vehicle stands registered dies, or
(b) a motor vehicle has been purchased or acquired at a public auction conducted by or on behalf of, Government,
the person succeeding to the possession of the vehicle or, as the case may be, who has purchased or acquired the motor vehicle shall make an application for the purpose of transferring the ownership of the vehicle in his name, to the registering authority in whose jurisdiction he has the residence or place of business where the vehicle is normally kept, as the case may be, in such manner, accompanied with such fee, and within such period as may be prescribed by the Central Government.
(3) If the transferor or the transferee fails to report to the registering authority the fact of transfer within the period specified in clause (a) or clause (b) of sub-section (1), as the case may be, or if the person who is required to make an application under sub-section (2) (hereafter in this section referred to as the other person) fails to make such application within the period prescribed, the registering authority may, having regard the circumstances of the case, require the transferor or the transferee, or the other person, as the case may be, to pay, in lieu of any action that may be taken against him under section 177 such amount not exceeding one hundred rupees as may be prescribed under sub-section (5):
Provided that action under section 177 shall be taken against the transferor or the transferee or the other person, as the case may be, where he fails to pay the said amount.
(4) Where a person has paid the amount under sub-section (3), no action shall be taken against him under section 177.
(5) For the purposes of sub-section (3), a State Government may prescribe different amounts having regard to the period of delay on the part of the transferor or the transferee in reporting the fact of transfer of ownership of the motor vehicle or of the other person in making the application under sub-section (2).
(6) On receipt of a report under sub-section (1), or an application under subsection (2), the registering authority may cause the transfer of ownership to be entered in the certificate of registration.
(7) A registering authority making any such entry shall communicate the transfer of ownership to the transferor and to the original registering authority, if it is not the original registering authority.
हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 50 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।