नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 71 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 71, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 71 का विवरण
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -71 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस अधिनियम के आधीन मंजिली-गाड़ी परमिट के लिए आवेदन पर विचार करने में प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण की प्रक्रिया प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण मंजिली-गाड़ी परमिट के लिए आवेदन पर विचार करते समय इस अधिनियम के उद्देश्यों को ध्यान में रखेगा।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 71 के अनुसार
मंजिली-गाड़ी परमिट के लिए आवेदन पर विचार करने में प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण की प्रक्रिया-
(1) प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण मंजिली-गाड़ी परमिट के लिए आवेदन पर विचार करते समय इस अधिनियम के उद्देश्यों को ध्यान में रखेगा।
(2) प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण मंजिली-गाड़ी परमिट मंजूर करने से उस दशा में इंकार करेगा यदि दी गई किसी समय-सारणी से यह प्रतीत होता है कि इस अधिनियम के गति संबंधी उन उपबंधों का, जिस गति से यान चलाए जा सकते हैं उल्लंघन होने की संभावना है:
परन्तु ऐसे इंकार करने से पूर्व आवेदक को समय-सारणी को ऐसे संशोधित करने का अवसर दिया जाएगा जिससे वह उक्त उपबंधों के अनुकूल हो जाए।
(3) (क) राज्य सरकार, यदि केन्द्रीय सरकार द्वारा यानों की संख्या, सड़कों की दशा और अन्य सुसंगत बातों का ध्यान रखते हुए, इस प्रकार निर्दिष्ट किया जाए तो, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, राज्य परिवहन प्राधिकरण और प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण को यह निदेश देगी कि वह पांच लाख से अन्यून जनसंख्या वाले शहरों में नगर मार्गों पर प्रचलित होने वाली साधारण मंजिली-गाड़ी या किसी विनिर्दिष्ट किस्म की मंजिली-गाड़ी की संख्या को, जो अधिसूचना में नियत और विनिर्दिष्ट की जाए, सीमित करे।
(ख) जहां मंजिली-गाड़ियों की संख्या खंड (क) के अधीन नियत की गई है, वहां राज्य सरकार, राज्य में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए मंजिली गाड़ी परमिटों का कुछ प्रतिशत उसी अनुपात में, जैसा राज्य में लोक सेवाओं में सीधी भर्ती द्वारा की गई नियुक्तियों के मामले में है, आरक्षित रखेगी।
(ग) जहां मंजिली गाड़ियों की संख्या खंड (क) के अधीन नियत की गई है, वहां प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए परमिटों की ऐसी संख्या, जो उपखंड (ख) के अधीन राज्य सरकार द्वारा नियत की जाए, आरक्षित रखेगा।
(घ) परमिटों की ऐसी संख्या, जो उपखंड (ग) में निर्दिष्ट है, आरक्षित रखने के पश्चात्, प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण, किसी आवेदन पर विचार करने में निम्नलिखित बातों का ध्यान में रखेगा, अर्थात् :-
(i) आवेदक का वित्तीय स्थायित्व :
(ii) मंजिली-गाड़ी प्रचालक के रूप में समाधानप्रद कार्य जिसके अंतर्गत कर का संदाय भी है, यदि आवेदक मंजिली-गाड़ी सेवा का प्रचालक है या रहा है;
(iii) ऐसे अन्य विषय जो राज्य सरकार द्वारा विहित किए जाएं :
परन्तु अन्य शर्तों के समान रहने पर, परमिटों के लिए निम्नलिखित से प्राप्त आवेदनों को अधिमान दिया जाएगा-
(i) राज्य परिवहन उपक्रम;
(ii) सहकारी सोसाइटियाँ जो तत्समय प्रवृत्त किसी अधिनियमिति के अधीन रजिस्ट्रीकृत है या रजिस्ट्रीकृत समझी गई है;
(iii) भूतपूर्व सैनिक; या
(iv) व्यक्तियों का कोई अन्य वर्ग या प्रवर्ग जिसे राज्य सरकार, ऐसे कारणों से जो लेखबद्ध किए जाएंगे, आवश्यक समझे।
Procedure of Regional Transport Authority in considering application for stage carriage permit-
(1) A Regional Transport Authority shall, while considering an application for a stage carriage permit, have regard to the objects of this Act.
(2) A Regional Transport Authority shall refuse to grant a stage carriage permit if it appears from any time-table furnished that the provisions of this Act relating to the speed at which vehicles may be driven are likely to be contravened:
Provided that before such refusal an opportunity shall be given to the applicant to amend the time-table so as to conform to the said provisions.
(3) (a) The State Government shall, if so directed by the Central Government having regard to the number of vehicles, road conditions and other relevant matters, by notification in the Official Gazette, direct a State Transport Authority and a Regional Transport Authority to limit the number of stage carriages generally or of any specified type, as may be fixed and specified in the notification, operating on city routes in towns with a population of not less than five lakhs.
(b) Where the number of stage carriages are fixed under clause (a), the Government of the State shall reserve in the State certain percentage of stage carriage permits for the scheduled castes and the scheduled tribes in the same ratio as in the case of appointments made by direct recruitment to public services in the State.
(c) Where the number of stage carriages are fixed under clause (a), the Regional Transport Authority shall reserve such number of permits for the scheduled castes and the scheduled tribes as may be fixed by the State Government under sub-clause (b).
(d) After reserving such number of permits as is referred to in clause (c), the Regional Transport Authority shall in considering an application have regard to the following matters, namely :-
(i) financial stability of the applicant,
(ii) satisfactory performance as a stage carriage operator including payment of tax if the applicant is or has been an operator of stage carriage service; and
(iii) such other matters as may be prescribed by the State Government;
Provided that other conditions being equal, preference shall be given to applications for permits from-
(i) State transport undertakings;
(ii) co-operative societies registered or deemed to have been registered under any enactment for the time being in force;
(iii) ex-servicemen, or
(iv) any other class or category of persons, as the State Government may, for reasons to be recorded in writing, consider necessary.
हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 71 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।