नमस्कार दोस्तों, आज हम पॉक्सो एक्ट की धारा 35 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) की धारा 35? साथ ही हम आपको POCSO ACT की धारा 35 क्या परिभाषित करती है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) की धारा 35 का विवरण
पॉक्सो एक्ट की धारा 35 के अंतर्गत बालक के साक्ष्य को विशेष न्यायालय द्वारा अपराध का संज्ञान लिए जाने के तीस दिन के भीतर अभिलिखित किया जाएगा और विलंब के लिए कारण, यदि कोई हो, विशेष न्यायालय द्वारा कारण अभिलिखित किए जाएंगे साथ ही यथासंभव अपराध का संज्ञान लिए जाने की तारीख से एक वर्ष को अवधि के भीतर विचारण को पूरा करेगा। तो यह पॉक्सो एक्ट की धारा 35 बालक के साक्ष्य को अभिलिखित और मामले का निपटारा करने के लिए अवधि को बतलाती है।
पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) की धारा 35 के अनुसार
बालक के साक्ष्य को अभिलिखित और मामले का निपटारा करने के लिए अवधि-
(1) बालक के साक्ष्य को विशेष न्यायालय द्वारा अपराध का संज्ञान लिए जाने के तीस दिन के भीतर अभिलिखित किया जाएगा और विलंब के लिए कारण, यदि कोई हो, विशेष न्यायालय द्वारा कारण अभिलिखित किए जाएंगे।
(2) विशेष न्यायालय यथासंभव अपराध का संज्ञान लिए जाने की तारीख से एक वर्ष को अवधि के भीतर विचारण को पूरा करेगा।
Period for recording of evidence of child and disposal of case-
(1) The evidence of the child shall be recorded within a period of thirty days of the Special Court taking cognizance of the offence and reasons for delay, if any, shall be recorded by the Special Court.
(2) The Special Court shall complete the trial, as far as possible, within a period of one year from the date of taking cognizance of the offence.
हमारा प्रयास पॉक्सो एक्ट की धारा 35 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप बेझिझक कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
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