नमस्कार दोस्तों, आज हम पॉक्सो एक्ट की धारा 37 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) की धारा 37? साथ ही हम आपको POCSO ACT की धारा 37 क्या परिभाषित करती है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) की धारा 37 का विवरण
पॉक्सो एक्ट की धारा 37 के अंतर्गत विशेष न्यायालय मामलों का विचारण बंद कमरे में और बालक के माता-पिता या किसी ऐसे अन्य व्यक्ति की उपस्थिति में करेगा, जिसमें बालक का विश्वास या भरोसा है, तो यह पॉक्सो एक्ट की धारा 37 विचारण का बंद कमरे में संचालन करना इस धारा में परिभाषित करती है।
पॉक्सो एक्ट (POCSO ACT) की धारा 37 के अनुसार
विचारण का बंद कमरे में संचालन-
विशेष न्यायालय मामलों का विचारण बंद कमरे में और बालक के माता-पिता या किसी ऐसे अन्य व्यक्ति की उपस्थिति में करेगा, जिसमें बालक का विश्वास या भरोसा है।
परंतु जहां विशेष न्यायालय की यह राय है कि बालक की परीक्षा न्यायालय से भिन्न किसी अन्य स्थान पर किए जाने की आवश्यकता है, वहाँ वह दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) की धारा 284 के उपबंधों के अनुसरण में कमीशन निकालने के लिए कार्यवाही करेगा।
Trials to be conducted in camera-
The Special Court shall try cases in camera and in the presence of the parents of the child or any other person in whom the child has trust or confidence:
Provided that where the Special Court is of the opinion that the child needs to be examined at a place other than the court, it shall proceed to issue a commission in accordance with the provisions of Section 284 of the Code of Criminal Procedure, 1973 (2 of 1974).
हमारा प्रयास पॉक्सो एक्ट की धारा 37 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप बेझिझक कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
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