नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 175 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 175, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 175 का विवरण
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -175 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस अधिनियम के अधीन किसी क्षेत्र के लिए कोई दावा अधिकरण गठित किया गया है वहां किसी भी सिविल न्यायालय को यह अधिकारिता न होगी कि वह प्रतिकर के किसी दावे से संबंधित किसी ऐसे प्रश्न को ग्रहण करे जिसका न्यायनिर्णयन उस क्षेत्र के लिए दावा अधिकरण द्वारा किया जा सकता है, तथा प्रतिकर के दावे की बाबत दावा अधिकरण द्वारा या उसके समक्ष की गई या की जाने वाली किसी कार्रवाई की बाबत सिविल न्यायालय कोई भी व्यादेश, मंजूर नहीं करेगा।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 175 के अनुसार
सिविल न्यायालयों की अधिकारिता का वर्जन-
जहां किसी क्षेत्र के लिए कोई दावा अधिकरण गठित किया गया है वहां किसी भी सिविल न्यायालय को यह अधिकारिता न होगी कि वह प्रतिकर के किसी दावे से संबंधित किसी ऐसे प्रश्न को ग्रहण करे जिसका न्यायनिर्णयन उस क्षेत्र के लिए दावा अधिकरण द्वारा किया जा सकता है, तथा प्रतिकर के दावे की बाबत दावा अधिकरण द्वारा या उसके समक्ष की गई या की जाने वाली किसी कार्रवाई की बाबत सिविल न्यायालय कोई भी व्यादेश, मंजूर नहीं करेगा।
Bar on jurisdiction of Civil Courts-
Where any Claims Tribunal has been constituted for any area, no Civil Court shall have jurisdiction to entertain any question relating to any claim for compensation which may be adjudicated upon by the Claims Tribunal for that area, and no injunction in respect of any action taken or to be taken by or before the Claims Tribunal in respect of the claim for compensation shall be granted by the Civil Court.
हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 175 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।