कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-112 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 112 के अनुसार भारत का राष्ट्रपति या किसी राज्य का राज्यपाल, यदि वह किसी कंपनी का सदस्य है, तो वह कंपनी किसी अधिवेशन में या कंपनी के सदस्यों के किसी वर्ग के किसी अधिवेशन में अपने प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने के लिए ऐसे व्यक्ति को नियुक्त कर सकेगा, जिसे वह ठीक समझे, जिसे Companies Act Section-112 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 112 (Companies Act Section-112) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 112 Companies Act Section-112 के अनुसार भारत का राष्ट्रपति या किसी राज्य का राज्यपाल, यदि वह किसी कंपनी का सदस्य है, तो वह कंपनी किसी अधिवेशन में या कंपनी के सदस्यों के किसी वर्ग के किसी अधिवेशन में अपने प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने के लिए ऐसे व्यक्ति को नियुक्त कर सकेगा, जिसे वह ठीक समझे।
कंपनी अधिनियम की धारा 112 (Companies Act Section-112 in Hindi)
अधिवेशनों मे राष्ट्रपति और राज्यपालों का प्रतिनिधित्व-
(1) भारत का राष्ट्रपति या किसी राज्य का राज्यपाल, यदि वह किसी कंपनी का सदस्य है, तो वह कंपनी किसी अधिवेशन में या कंपनी के सदस्यों के किसी वर्ग के किसी अधिवेशन में अपने प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने के लिए ऐसे व्यक्ति को नियुक्त कर सकेगा, जिसे वह ठीक समझे।
(2) उपधारा (1) के अधीन कार्य करने के लिए नियुक्त किसी व्यक्ति को, इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए उस कंपनी का सदस्य समझा जाएगा और वह उन्हीं अधिकारों और शक्तियों का जिसके अंतर्गत परोक्षी और डाक मतपत्र द्वारा मत देने का अधिकार भी है, प्रयोग करने का हकदार होगा जो यथास्थिति, राष्ट्रपति या राज्यपाल, कंपनी के सदस्य के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
Companies Act Section-112 (Company Act Section-112 in English)
Representation of President and Governors in meetings-
(1) The President of India or the Governor of a State, if he is a member of a company, may appoint such person as he thinks fit to act as his representative at any meeting of the company or at any meeting of any class of members of the company.
(2) A person appointed to act under sub-section (1) shall, for the purposes of this Act, be deemed to be a member of such a company and shall be entitled to exercise the same rights and powers, including the right to vote by proxy and postal ballot, as the President or, as the case may be, the Governor could exercise as a member of the company.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 112 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स मे कमेंट करके पूछ सकते है।