सीआरपीसी की धारा 234 | बहस | CrPC Section- 234 in hindi| Arguments.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 234 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 234 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 234 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 234 के अन्तर्गत जब प्रतिरक्षा के साक्षियों की (यदि कोई हो) परीक्षा समाप्त हो जाती है तो अभियोजक अपने मामले का उपसंहार करेगा और अभियुक्त या उसका प्लीडर उत्तर देने का हकदार होगा, परन्तु जहां अभियुक्त या उसका प्लीडर कोई विधि-प्रश्न उठाता है वहां अभियोजन न्यायाधीश को अनुज्ञा से, ऐसे विधि-प्रश्नों पर अपना निवेदन कर सकता है।

सीआरपीसी की धारा 234 के अनुसार

बहस–

जब प्रतिरक्षा के साक्षियों की (यदि कोई हो) परीक्षा समाप्त हो जाती है तो अभियोजक अपने मामले का उपसंहार करेगा और अभियुक्त या उसका प्लीडर उत्तर देने का हकदार होगा:
परन्तु जहां अभियुक्त या उसका प्लीडर कोई विधि-प्रश्न उठाता है वहां अभियोजन न्यायाधीश को अनुज्ञा से, ऐसे विधि-प्रश्नों पर अपना निवेदन कर सकता है।

Arguments-
When the examination of the witnesses (if any) for the defence is complete, the prosecutor shall sum up his case and the accused or his pleader shall be entitled to reply:
Provided that where any point of law is raised by the accused or his pleader, the prosecution may, with the permission of the Judge, make his submissions with regard to such point of law.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 234 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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