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सीआरपीसी की धारा 482 | उच्च न्यायालय की अन्तर्निहित शक्तियों की व्यावृत्ति | CrPC Section- 482 in hindi| Saving of inherent powers of High Court.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 482 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 482 के अन्तर्गत इस संहिता की कोई बात उच्च न्यायालय की ऐसे आदेश देने की अन्तर्निहित शक्ति को सीमित या प्रभावित करने वाली न समझी जाएगी। जैसे इस संहिता के अधीन किसी आदेश को प्रभावी करने के लिए या किसी न्यायालय की कार्यवाही का दुरुपयोग निवारित करने के लिए या किसी अन्य प्रकार से न्याय के उद्देश्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हो।

सीआरपीसी की धारा 482 के अनुसार

उच्च न्यायालय की अन्तर्निहित शक्तियों की व्यावृत्ति-

इस संहिता की कोई बात उच्च न्यायालय की ऐसे आदेश देने की अन्तर्निहित शक्ति को सीमित या प्रभावित करने वाली न समझी जाएगी। जैसे इस संहिता के अधीन किसी आदेश को प्रभावी करने के लिए या किसी न्यायालय की कार्यवाही का दुरुपयोग निवारित करने के लिए या किसी अन्य प्रकार से न्याय के उद्देश्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हो।

Saving of inherent powers of High Court-
Nothing in this Code shall be deemed to limit or affect the inherent powers of the High Court to make such orders as may be necessary to give effect to any order under this Code, or to prevent abuse of the process of any Court or otherwise to secure the ends of justice.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 482 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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