नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 390 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 390 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 390 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 390 के अन्तर्गत जब धारा 378 के अधीन अपील उपस्थित की जाती है तब उच्च न्यायालय वारण्ट जारी कर सकता है जिसमें यह निदेश होगा कि अभियुक्त गिरफ्तार किया जाए और उसके या किसी अधीनस्थ न्यायालय के समक्ष लाया जाए, और वह न्यायालय जिसके समक्ष अभियुक्त लाया जाता है, अपील का निपटारा होने तक उसे कारागार को सुपुर्द कर सकता है या उसकी जमानत ले सकता है।
सीआरपीसी की धारा 390 के अनुसार
दोषमुक्ति से अपील में अभियुक्त की गिरफ्तारी-
जब धारा 378 के अधीन अपील उपस्थित की जाती है तब उच्च न्यायालय वारण्ट जारी कर सकता है जिसमें यह निदेश होगा कि अभियुक्त गिरफ्तार किया जाए और उसके या किसी अधीनस्थ न्यायालय के समक्ष लाया जाए, और वह न्यायालय जिसके समक्ष अभियुक्त लाया जाता है, अपील का निपटारा होने तक उसे कारागार को सुपुर्द कर सकता है या उसकी जमानत ले सकता है।Arrest of accused in appeal from acquittal-
When an appeal is presented under Section 378, the High Court may issue a warrant directing that the accused be arrested and brought before it or any subordinate Court, and the Court before which he is brought may commit him to prison pending the disposal of the appeal or admit him to bail.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 390 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।