नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 409 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 409 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 409 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 409 के अन्तर्गत सेशन न्यायाधीश अपने अधीनस्थ किसी सहायक सेशन न्यायाधीश या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से कोई मामला या अपील वापस ले सकता है या कोई मामला या अपील, जिसे उसने उसके हवाले किया हो, वापस मंगा सकता है। अपर सेशन न्यायाधीश के समक्ष मामले का विचारण या अपील की सुनवाई प्रारम्भ होने से पूर्व किसी समय सेशन न्यायाधीश किसी मामले या अपील को, जिसे उसने अपर सेशन न्यायाधीश के हवाले किया है, वापस मंगा सकता है।
सीआरपीसी की धारा 409 के अनुसार
सेशन न्यायाधीशों द्वारा मामलों और अपीलों का वापस लिया जाना—
(1) सेशन न्यायाधीश अपने अधीनस्थ किसी सहायक सेशन न्यायाधीश या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से कोई मामला या अपील वापस ले सकता है या कोई मामला या अपील, जिसे उसने उसके हवाले किया हो, वापस मंगा सकता है।
(2) अपर सेशन न्यायाधीश के समक्ष मामले का विचारण या अपील की सुनवाई प्रारम्भ होने से पूर्व किसी समय सेशन न्यायाधीश किसी मामले या अपील को, जिसे उसने अपर सेशन न्यायाधीश के हवाले किया है, वापस मंगा सकता है।
(3) जहां सेशन न्यायाधीश कोई मामला या अपील उपधारा (1) या उपधारा (2) के अधीन वापस मंगाता है या वापस लेता है वहां वह, यथास्थिति, या तो उस मामले का अपने न्यायालय में विचारण कर सकता है या उस अपील को स्वयं सुन सकता है या उसे विचारण या सुनवाई के लिए इस संहिता के उपबंधों के अनुसार दूसरे न्यायालय के हवाले कर सकता है।
Withdrawal of cases and appeals by Sessions Judges-
(1) A Sessions Judge may withdraw any case or appeal from, or recall any case or appeal which he has made over to, any Assistant Sessions Judge or Chief Judicial Magistrate subordinate to him.
(2) At any time before the trial of the case or the hearing of the appeal has commenced before the Additional Sessions Judge, a Sessions Judge may recall any case or appeal which he has made over to any Additional Sessions Judge.
(3) Where a Sessions Judge withdraws or recalls a case or appeal under sub section (1) or sub-section (2), he may either try the case in his own Court or hear the appeal himself, or make it over in accordance with the provisions of this Code to another Court for trial or hearing, as the case may be.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 409 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।