कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-144 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 144 के अनुसार कोई संपरीक्षक या संपरीक्षा फर्म, जो इस अधिनियम के प्रारंभ पर या उसके पूर्व सपरीक्षा सेवाओं से इतर सेवाएं कर रहा है या कर रही है. ऐसे प्रारंभ की तारीख के पश्चात् के प्रथम वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पूर्व इस धारा के उपबंधों का अनुपालन करेगा या करेगी, जिसे Companies Act Section-144 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 144 (Companies Act Section-144) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 144 Companies Act Section-144 के अनुसार कोई संपरीक्षक या संपरीक्षा फर्म, जो इस अधिनियम के प्रारंभ पर या उसके पूर्व सपरीक्षा सेवाओं से इतर सेवाएं कर रहा है या कर रही है. ऐसे प्रारंभ की तारीख के पश्चात् के प्रथम वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पूर्व इस धारा के उपबंधों का अनुपालन करेगा या करेगी।
कंपनी अधिनियम की धारा 144 (Companies Act Section-144 in Hindi)
संपरीक्षक व्दारा कतिपय सेवाओं का प्रदान न किया जाना-
इस अधिनियम के अधीन नियुक्त कोई संपरीक्षक, कंपनी को केवल ऐसी अन्य सेवाएं प्रदान करेगा, जो यथास्थिति, निदेशक बोर्ड या संपरीक्षा समिति द्वारा अनुमोदित की गई हैं किंतु इनमें निम्नलिखित सेवाओं में से कोई सेवा सम्मलित नहीं होगी चाहे ऐसी सेवाएं कंपनी या उसकी नियंत्री कंपनी या समनुषंगी कंपनी के लिए प्रत्यक्ष रूप से की जाती है या अप्रत्यक्ष रूप से, अर्थात् :-
(क) लेखाकर्म और बही खाता रखने की सेवाएं:
(ख) आंतरिक संपरीक्षा,
(ग) किसी वित्तीय सूचना प्रणाली की परिकल्पना और क्रियान्वयन;
(घ) बीमांकिक सेवाएं:
(ड़) विनिधान परामर्शी सेवाएं:
(च) विनिधान बैककारी सेवाएं:
(छ) ब्राह्य स्रोत की वित्तीय सेवाओं का प्रदान किया जाना;
(ज) प्रबंध सेवाएं और
(झ) किसी अन्य प्रकार की ऐसी सेवाएं, जो विहित की जाएं;
परंतु ऐसा कोई संपरीक्षक या संपरीक्षा फर्म, जो इस अधिनियम के प्रारंभ पर या उसके पूर्व सपरीक्षा सेवाओं से इतर सेवाएं कर रहा है या कर रही है. ऐसे प्रारंभ की तारीख के पश्चात् के प्रथम वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पूर्व इस धारा के उपबंधों का अनुपालन करेगा या करेगी।
स्पष्टीकरण- इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए “प्रत्यक्ष रूप से” या “अप्रत्यक्ष रूम से” पद में संपरीक्षक द्वारा सेवाओं का प्रदान किया जाना भी सम्मिलित है.
(i) ऐसे संपरीक्षक की दशा में जो व्यष्टि है, या तो स्वयं या उसके संबंधी अथवा ऐसे किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से जो ऐसे व्यष्टि से संबंधित या उसका सहबद्ध है अथवा किसी अन्य अस्तित्व के माध्यम से चाहे उसमें ऐसे व्यष्टि का महत्वपूर्ण प्रभाव या नियंत्रण हो अथवा न हो जिसका नाम या व्यापार चिह्न अथवा ब्रांड का ऐसे व्यष्टि द्वारा उपयोग किया जाता है या नहीं;
(ii) ऐसे संपरीक्षक की दशा में जो फर्म है, या तो स्वयं या उसके किसी भागीदार के माध्यम से अथवा उसके मूल, समनुषंगी या सहयुक्त अस्तित्व के माध्यम से या किसी अन्य अस्तित्व के माध्यम से चाहे उसमें फर्म या फर्म के किसी भागीदार का महत्वपूर्ण प्रभाव या नियंत्रण हो या न हो या जिसका नाम, व्यापार चिह्न अथवा ब्रांड का ऐसी फर्म या उसके किसी भागीदार द्वारा उपयोग किया जाता है या नहीं।
Companies Act Section-144 (Company Act Section-144 in English)
Auditor not to render certain services-
An auditor appointed under this Act shall provide to the company only such other services as are approved by the Board of Directors or the audit committee, as the case may be, but which shall not include any of the following services (whether such services are rendered directly or indirectly to the company), or its holding company or subsidiary company, namely:—
(a) accounting and book keeping services;
(b) internal audit;
(c) design and implementation of any financial information system;
(d) actuarial services;
(e) investment advisory services;
(f) investment banking services;
(g) rendering of outsourced financial services;
(h) management services; and
(i) any other kind of services as may be prescribed:
Provided that an auditor or audit firm who or which has been performing any non-audit services on or before the commencement of this Act shall comply with the provisions of this section before the closure of the first financial year after the date of such commencement.
Explanation- For the purposes of this sub-section, the term ―directly or indirectly‖ shall include rendering of services by the auditor,—
(i) in case of auditor being an individual, either himself or through his relative or any other person connected or associated with such individual or through any other entity, whatsoever, in which such individual has significant influence or control, or whose name or trade mark or brand is used by such individual;
(ii) in case of auditor being a firm, either itself or through any of its partners or through its parent, subsidiary or associate entity or through any other entity, whatsoever, in which the firm or any partner of the firm has significant influence or control, or whose name or trade mark or brand is used by the firm or any of its partners.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 144 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स मे कमेंट करके पूछ सकते है।