कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-15 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 15 के अनुसार किसी कंपनी के ज्ञापन या अनुच्छेदों में किए गए प्रत्येक परिवर्तन को, यथास्थिति, ज्ञापन या अनुच्छेदों की प्रत्येक प्रति में नोट किया जाएगा, जिसे Companies Act Section-15 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 15 (Companies Act Section-15) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 15 Companies Act Section-15 के अनुसार किसी कंपनी के ज्ञापन या अनुच्छेदों में किए गए प्रत्येक परिवर्तन को, यथास्थिति, ज्ञापन या अनुच्छेदों की प्रत्येक प्रति में नोट किया जाएगा।
कंपनी अधिनियम की धारा 15 (Companies Act Section-15 in Hindi)
ज्ञापन और अनुच्छेदों के परिवर्तन को प्रत्येक प्रति में नोट किया जाना–
(1) किसी कंपनी के ज्ञापन या अनुच्छेदों में किए गए प्रत्येक परिवर्तन को, यथास्थिति, ज्ञापन या अनुच्छेदों की प्रत्येक प्रति में नोट किया जाएगा।
(2) यदि कोई कंपनी, उपधारा (1) के उपबंधों के अनुपालन में कोई व्यतिक्रम करती है, तो कंपनी और ऐसा प्रत्येक अधिकारी, जो व्यतिक्रमी है, ऐसे परिवर्तन के बिना जारी किए गए ज्ञापन या अनुच्छेदों की प्रत्येक प्रति के लिए एक हजार रुपए की शास्ति के लिए दायी होगी।
Companies Act Section-15 (Company Act Section-15 in English)
Alteration of memorandum or articles to be noted in every copy–
(1) Every alteration made in the memorandum or articles of a company shall be noted in every copy of the memorandum or articles, as the case may be.
(2) If a company makes any default in complying with the provisions of sub-section (1), the company and every officer who is in default shall be liable to a penalty of one thousand rupees for every copy of the memorandum or articles issued without such alteration.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 15 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।