नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 163 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 163 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 163 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 163 के अन्तर्गत कोई पुलिस अधिकारी या प्राधिकार वाला अन्य व्यक्ति भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 (1872 का 1) की धारा 24 में यथा वर्णित कोई उत्प्रेरणा, धमकी या वचन न तो देगा और न करेगा तथा न दिलवाएगा और न करवाएगा किन्तु कोई पुलिस अधिकारी या अन्य व्यक्ति इस अध्याय के अधीन किसी अन्वेषण के दौरान किसी व्यक्ति को कोई कथन करने से, जो वह अपनी स्वतंत्र इच्छा से करना चाहे, किसी चेतावनी द्वारा या अन्यथा निवारित न करेगा।
सीआरपीसी की धारा 163 के अनुसार
कोई उत्प्रेरणा न दिया जाना—
(1) कोई पुलिस अधिकारी या प्राधिकार वाला अन्य व्यक्ति भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 (1872 का 1) की धारा 24 में यथा वर्णित कोई उत्प्रेरणा, धमकी या वचन न तो देगा और न करेगा तथा न दिलवाएगा और न करवाएगा।
(2) किन्तु कोई पुलिस अधिकारी या अन्य व्यक्ति इस अध्याय के अधीन किसी अन्वेषण के दौरान किसी व्यक्ति को कोई कथन करने से, जो वह अपनी स्वतंत्र इच्छा से करना चाहे, किसी चेतावनी द्वारा या अन्यथा निवारित न करेगा :
परन्तु इस धारा की कोई बात धारा 164 की उपधारा (4) के उपबन्धों पर प्रधान न डालेगी।
No inducement to be offered-
(1) No police officer or other person in authority shall offer or make, or cause to be offered or made, any such inducement, threat or promise as is mentioned in Section 24 of the Indian Evidence Act, 1872 (1 of 1872).
(2) But no police officer or other person shall prevent, by any caution or otherwise, any person from making in the course of any investigation under this Chapter any statement which he may be disposed to make of his own free will :
Provided that nothing in this sub-section shall affect the provisions of sub-section (4) of Section 164.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 163 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।