नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 166 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 166 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 166 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 166 के अन्तर्गत यदि कोई पुलिस अधिकारी या भारसाधक अधिकारी या जांच करने वाला पुलिस अधिकारी किसी मामले में ऐसे वर्तमान समय में उपस्थित नही है अथवा किसी अन्य कारणवश किसी अन्य पुलिस अधिकारी को तलाशी हेतु जांच के आदेश कर सकते है। यह धारा 166 ऐसे मामलों में पुलिस अधिकारी द्वारा किसी अन्य अधिकारी से तलाशी-वारण्ट जारी करने की प्रकिया को बतलाता है।
सीआरपीसी की धारा 166 के अनुसार
पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी कब किसी अन्य अधिकारी से तलाशी-वारण्ट जारी करने की अपेक्षा कर सकता है-
(1) पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी या उपनिरीक्षक से अनिम्न पंक्ति का पुलिस अधिकारी, जो अन्वेषण कर रहा है, किसी दूसरे पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी से, चाहे वह उस जिले में हो, या दूसरे जिले में हो, किसी स्थान में ऐसे मामले में तलाशी लिवाने की अपेक्षा कर सकता है जिसमें पूर्वकथित अधिकारी स्वयं अपने थाने की सीमाओं के अन्दर ऐसी तलाशी लिवा सकता है।
(2) ऐसा अधिकारी ऐसी अपेक्षा किए जाने पर धारा 165 के उपबन्धों के अनुसार कार्यवाही करेगा और यदि कोई चीज मिले तो उसे उस अधिकारी के पास भेजेगा जिसकी अपेक्षा पर तलाशी ली गई है।
(3) जब कभी यह विश्वास करने का कारण है कि दूसरे पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी से उपधारा (1) के अधीन तलाशी लिवाने की अपेक्षा करने में जो विलम्ब होगा उसका परिणाम यह हो सकता है कि अपराध किए जाने का साक्ष्य छिपा दिया जाए या नष्ट कर दिया जाए, तब पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी के लिए या उस अधिकारी के लिए, जो इस अध्याय के अधीन अन्वेषण कर रहा है, यह विधिपूर्ण होगा कि वह दूसरे पुलिस थाने की स्थानीय सीमाओं के अन्दर किसी स्थान की धारा 165 के उपबन्धों के अनुसार ऐसे तलाशी ले या लिवाए मानो ऐसा स्थान उसके अपने थाने की सीमाओं के अन्दर हो।
(4) कोई अधिकारी, जो उपधारा (3) के अधीन तलाशी संचालित कर रहा है, उस पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को, जिसकी सीमाओं के अन्दर ऐसा स्थान है, तलाशी की सूचना तत्काल भेजेगा और ऐसी सूचना के साथ धारा 100 के अधीन तैयार की गई सूची की (यदि कोई हो) प्रतिलिपि भी भेजेगा और उस अपराध का संज्ञान करने के लिए सशक्त निकटतम मजिस्ट्रेट को धारा 165 की उपधारा (1) और (3) में निर्दिष्ट अभिलेखों की प्रतिलिपियां भी भेजेगा।
(5) जिस स्थान की तलाशी ली गई है, उसके स्वामी या अधिभोगी को, आवेदन करने पर उस अभिलेख की, जो मजिस्ट्रेट को उपधारा (4) के अधीन भेजा जाए, प्रतिलिपि निःशुल्क दी जाएगी।
When officer in charge of police station may require another to issue search-warrant-
(1) An officer in charge of a police station or a police officer not being below the rank of sub-inspector making an investigation may require an officer in charge of another police station, whether in the same or a different district, to cause a search to be made in any place, in any case in which the former officer might cause such search to be made, within the limits of his own station.
(2) Such officer, on being so required, shall proceed according to the provisions of Section 165, and shall forward the thing found, if any, to the officer at whose request the search was made.
(3) Whenever there is reason to believe that the delay occasioned by requiring an officer in charge of another police station to cause a search to be made under sub section (1) might result in evidence of the commission of an offence being concealed or destroyed, it shall be lawful for an officer in charge of a police station or a police officer making any investigation under this Chapter to search, or cause to be searched, any place in the limits of another police station in accordance with the provisions of Section 165, as if such place were within the limits of his own police station.
(4) Any officer conducting a search under sub-section (3) shall forthwith send notice of the search to the officer in charge of the police station within the limits of which such place is situate, and shall also send with such notice a copy of the list (if any) prepared under Section 100, and shall also send to the nearest Magistrate empowered to take cognizance of the offence, copies of the records referred to in sub sections (1) and (3) of Section 165.
(5) The owner or occupier of the place searched shall, on application, be furnished free of cost with a copy of any record sent to the Magistrate under sub-section (4).
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 166 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।