नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 231 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 231 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 231 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 231 के अन्तर्गत ऐसे नियत तारीख पर न्यायाधीश ऐसा सब साक्ष्य लेने के लिए अग्रसर होगा जो अभियोजन के समर्थन में पेश किया जाए। न्यायाधीश, स्वविवेकानुसार, किसी साक्षी की प्रतिपरीक्षा तब तक के लिए, जब तक किसी अन्य साक्षी या साक्षियों की परीक्षा न कर ली जाए, अस्थगित करने की अनुज्ञा दे सकता है या किसी साक्षी को अतिरिक्त प्रतिपरीक्षा के लिए पुन: बुला सकता है।
सीआरपीसी की धारा 231 के अनुसार
अभियोजन के लिए साक्ष्य-
(1) ऐसे नियत तारीख पर न्यायाधीश ऐसा सब साक्ष्य लेने के लिए अग्रसर होगा जो अभियोजन के समर्थन में पेश किया जाए।
(2) न्यायाधीश, स्वविवेकानुसार, किसी साक्षी की प्रतिपरीक्षा तब तक के लिए, जब तक किसी अन्य साक्षी या साक्षियों की परीक्षा न कर ली जाए, अस्थगित करने की अनुज्ञा दे सकता है या किसी साक्षी को अतिरिक्त प्रतिपरीक्षा के लिए पुन: बुला सकता है।
Evidence for prosecution-
(1) On the date so fixed, the Judge shall proceed to take all such evidence as may be produced in support of the prosecution.
(2) The Judge may, in his discretion, permit the cross-examination of any witness to be deferred until any other witness or witnesses have been examined or recall any witness for further cross-examination.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 231 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।