नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 235 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 235 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 235 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 235 के अन्तर्गत बहस और विधि-प्रश्न (यदि कोई हों) सुनने के पश्चात् न्यायाधीश मामले में निर्णय देगा। यदि अभियुक्त दोषसिद्ध किया जाता है तो न्यायाधीश, उस दशा के सिवाय जिसमें वह धारा 360 के उपबन्धों के अनुसार कार्यवाही करता है दण्ड के प्रश्न पर अभियुक्त को सुनेगा और तब विधि के अनुसार उसके बारे में दण्डादेश देगा।
सीआरपीसी की धारा 235 के अनुसार
दोषमुक्ति या दोषसिद्धि का निर्णय-
(1) बहस और विधि-प्रश्न (यदि कोई हों) सुनने के पश्चात् न्यायाधीश मामले में निर्णय देगा।
(2) यदि अभियुक्त दोषसिद्ध किया जाता है तो न्यायाधीश, उस दशा के सिवाय जिसमें वह धारा 360 के उपबन्धों के अनुसार कार्यवाही करता है दण्ड के प्रश्न पर अभियुक्त को सुनेगा और तब विधि के अनुसार उसके बारे में दण्डादेश देगा।
Judgment of acquittal or conviction-
(1) After hearing arguments and points of law (if any), the Judge shall give a judgment in the case.
(2) If the accused is convicted, the Judge shall, unless he proceeds in accordance with the provisions of Section 360, hear the accused on the question of sentence, and then pass sentence on him according to law.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 235 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।