नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 265 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 265 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 265 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 265 के अन्तर्गत ऐसा प्रत्येक अभिलेख और निर्णय न्यायालय की भाषा में लिखा जाएगा। उच्च न्यायालय संक्षेपत: विचारण करने के लिए सशक्त किए गए किसी मजिस्ट्रेट को प्राधिकृत कर सकता है कि वह पूर्वोक्त अभिलेख या निर्णय या दोनों उस अधिकारी से तैयार कराए जो मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा इन निमित्त नियुक्त किया गया है और इस प्रकार तैयार किया गया अभिलेख या निर्णय ऐसे मजिस्ट्रेट द्वारा हस्ताक्षरित किया जाएगा।
सीआरपीसी की धारा 265 के अनुसार
अभिलेख और निर्णय की भाषा-
(1) ऐसा प्रत्येक अभिलेख और निर्णय न्यायालय की भाषा में लिखा जाएगा।
(2) उच्च न्यायालय संक्षेपत: विचारण करने के लिए सशक्त किए गए किसी मजिस्ट्रेट को प्राधिकृत कर सकता है कि वह पूर्वोक्त अभिलेख या निर्णय या दोनों उस अधिकारी से तैयार कराए जो मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा इन निमित्त नियुक्त किया गया है और इस प्रकार तैयार किया गया अभिलेख या निर्णय ऐसे मजिस्ट्रेट द्वारा हस्ताक्षरित किया जाएगा।
Language of record and judgment-
(1) Every such record and judgment shall be written in the language of the Court.
(2) The High Court may authorise any Magistrate empowered to try offences summarily to prepare the aforesaid record or judgment or both by means of an officer appointed in this behalf by the Chief Judicial Magistrate, and the record or judgment so prepared shall be signed by such Magistrate.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 265 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।