नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 461 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 461 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 461 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 461 के अन्तर्गत यदि कोई मजिस्ट्रेट, जो निम्नलिखित बातों में से कोई बात विधि द्वारा इस निमित्त सशक्त न होते हुए, करता है तो उसकी कार्यवाही शून्य होगी, अर्थात् सम्पत्ति को धारा 83 के अधीन कुर्क करना और उसका विक्रय या किसी डाक या तार प्राधिकारी की अभिरक्षा में की गई किसी दस्तावेज, पार्सल या अन्य चीज के लिए तलाशी-वारंट जारी करना अथवा परिशान्ति कायम रखने के लिए प्रतिभूति की मांग करना।
सीआरपीसी की धारा 461 के अनुसार
वे अनियमितताएं जो कार्यवाही को दूषित करती हैं-
यदि कोई मजिस्ट्रेट, जो निम्नलिखित बातों में से कोई बात विधि द्वारा इस निमित्त सशक्त न होते हुए, करता है तो उसकी कार्यवाही शून्य होगी, अर्थात् :-
(क) सम्पत्ति को धारा 83 के अधीन कुर्क करना और उसका विक्रय;
(ख) किसी डाक या तार प्राधिकारी की अभिरक्षा में की गई किसी दस्तावेज, पार्सल या अन्य चीज के लिए तलाशी-वारंट जारी करना;
(ग) परिशान्ति कायम रखने के लिए प्रतिभूति की मांग करना;
(घ) सदाचार के लिए प्रतिभूति की मांग करना;
(ङ) सदाचारी बने रहने के लिए विधिपूर्वक आबद्ध व्यक्ति को उन्मोचित करना;
(च) परिशान्ति कायम रखने के बन्धपत्र को रद्द करना;
(छ) भरणपोषण के लिए आदेश देना;
(ज) स्थानीय न्यूसेन्स के बारे में धारा 133 के अधीन आदेश देना;
(झ) लोक न्यूसेन्स की पुनरावृत्ति या उसे चालू रखने की धारा 143 के अधीन प्रतिषेध करना;
(ञ) अध्याय 10 के भाग ग या भाग घ के अधीन आदेश देना;
(ट) किसी अपराध की धारा 190 की उपधारा (1) के खण्ड (ग) के अधीन संज्ञान करना;
(ठ) किसी अपराधी का विचारण करना;
(ड) किसी अपराधी का संक्षेपतः विचारण करना;
(ढ) किसी अन्य मजिस्ट्रेट द्वारा अभिलिखित कार्यवाही पर धारा 325 के अधीन दंडादेश पारित करना;
(ण) अपील का विनिश्चय करना;
(त) कार्यवाही को धारा 397 के अधीन मंगाना; अथवा
(थ) धारा 446 के अधीन पारित आदेश का पुनरीक्षण करना।
Irregularities which vitiate proceedings-
If any Magistrate not being empowered by law in this behalf, does any of the following things, namely :-
(a) attaches and sells property under Section 83;
(b) issues a search-warrant for a document, parcel or other thing custody of a postal or telegraph authority;
(c) demands security to keep the peace;
(d) demands security for good behaviour;
(e) discharges a person lawfully bound to be of good behaviour;
(f) cancels a bond to keep the peace;
(g) makes an order for maintenance;
(h) makes an order under Section 133 as to a local nuisance;
(i) prohibits, under Section 143, the repetition or continuance of a public nuisance:
(j) makes an order under Part C or Part D of Chapter X;
(k) takes cognizance of an offence under clause (c) of sub-section (1) of Section 190;
(l) tries an offender;
(m) tries an offender summarily;
(n) passes a sentence, under Section 325, on proceedings recorded by another Magistrate;
(0) decides an appeal;
(p) calls, under Section 397, for proceedings: or
(q) revises an order passed under Section 446, his proceedings shall be void.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 461 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।