नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 8B के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दहेज प्रतिषेध की धारा- 8B, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा- 8B का विवरण
दहेज प्रतिषेध अधिनियम (Dowry Prohibition Act) की धारा -8B के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस धारा के अन्तर्गत राज्य सरकार उतने दहेज प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त कर सकेगी जितने वह ठीक समझे और वे क्षेत्र विनिर्दिष्ट कर सकेगी जिनकी बाबत वे अपनी अधिकारिता और शक्तियों का प्रयोग इस अधिनियम के अधीन करेंगे।
दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा- 8B के अनुसार
दहेज प्रतिषेध अधिकारी-
(1) राज्य सरकार उतने दहेज प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त कर सकेगी जितने वह ठीक समझे और वे क्षेत्र विनिर्दिष्ट कर सकेगी जिनकी बाबत वे अपनी अधिकारिता और शक्तियों का प्रयोग इस अधिनियम के अधीन करेंगे।
(2) प्रत्येक दहेज प्रतिषेध अधिकारी निम्नलिखित शक्तियों का प्रयोग और कृत्यों का पालन करेगा, अर्थात् :-
(क) यह देखना कि इस अधिनियम के उपबंधों का अनुपालन किया जाता है ;
(ख) दहेज देने या दहेज लेने को दुष्प्रेरित करने या दहेज मांगने को यथासंभव रोकना ;
(ग) इस अधिनियम के अधीन अपराध करने वाले व्यक्तियों के अभियोजन के लिए ऐसा साक्ष्य एकत्र करना जो आवश्यक हो ; और
ऐसे अतिरिक्त कार्य करना जो राज्य सरकार द्वारा उसे सौंपे जाएं या इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों में विनिर्दिष्ट किए जाएं ।
(3) राज्य सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा दहेज प्रतिषेध अधिकारी को किसी पुलिस अधिकारी की ऐसी शक्तियां प्रदत्त कर सकेगी जो अधिसूचना में विनिर्दिष्ट की जाएं और वह ऐसी शक्तियों का प्रयोग ऐसी परिसीमाओं और शर्तों के अधीन रहते हुए करेगा जो इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विनिर्दिष्ट की जाएं।
(4) राज्य सरकार दहेज प्रतिषेध अधिकारी को इस अधिनियम के अधीन उसके कृत्यों के दक्ष पालन में सलाह देने और सहायता करने के प्रयोजन के लिए, एक सलाहकार बोर्ड नियुक्त कर सकेगी जिसमें उस क्षेत्र से, जिसकी बाबत ऐसा दहेज प्रतिषेध अधिकारी उपधारा (1) के अधीन अधिकारिता का प्रयोग करता है, पांच से अनधिक समाज कल्याण कार्यकर्ता होंगे (जिनमें से कम से कम दो महिलाएं होंगी)।
Dowry Prohibition Officers—
(1) The State Government may appoint as many Dowry Prohibition Officers as it thinks fit and specify the areas in respect of which they shall exercise their jurisdiction and powers under this Act.
(2) Every Dowry Prohibition Officer shall exercise and perform the following powers and functions, namely:—
(a) to see that the provisions of this Act are complied with;
(b) to prevent, as far as possible, the taking or abetting the taking of, or the demanding of, dowry;
(c) to collect such evidence as may be necessary for the prosecution of persons committing offences under the Act; and
(d) to perform such additional functions as may be assigned to him by the State Government, or as may be specified in the rules made under this Act.
(3) The State Government may, by notification in the Official Gazette, confer such powers of a police officer as may be specified in the notification on the Dowry Prohibition Officer who shall exercise such powers subject to such limitations and conditions as may be specified by rules made under this Act.(4) The State Government may, for the purpose of advising and assisting Dowry Prohibition Officers in the efficient performance of their functions under this Act, appoint an advisory board consisting of not more than five social welfare workers (out of whom at least two shall be women) from the area in respect of which such Dowry Prohibition Officer exercises jurisdiction under sub-section (1).
हमारा प्रयास दहेज प्रतिषेध अधिनियम (Dowry Prohibition Act) की धारा 8B की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।