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भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 128 | साक्ष्य देने के लिए स्वयंमेव उद्यत होने से विशेषाधिकार अभित्यक्त नहीं हो जाता | Indian Evidence Act Section- 128 in hindi| Privilege not waived by volunteering evidence.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 128 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 128, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 128 का विवरण

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 128 के अन्तर्गत यदि किसी वाद का कोई पक्षकार स्वप्रेरणा से ही या अन्यथा उसमें साक्ष्य देता है तो यह न समझा जाएगा कि तद्द्वारा उसने ऐसे प्रकटन के लिए, जैसा धारा 126 में वर्णित है, सम्मति दे दी है, तथा यदि किसी वाद या कार्यवाही का कोई पक्षकार ऐसे किसी बैरिस्टर, प्लीडर, अटर्नी या वकील को साक्षी के रूप में बुलाता है, तो यह कि उसने ऐसे प्रकटन के लिए अपनी सम्मति दे दी है केवल तभी समझा जाएगा, जबकि वह ऐसे बैरिस्टर, अटर्नी या वकील से उन बातों के बारे में प्रश्न करे, जिनके प्रकटन के लिए वह ऐसे प्रश्नों के अभाव में स्वाधीन न होता।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 128 के अनुसार

साक्ष्य देने के लिए स्वयंमेव उद्यत होने से विशेषाधिकार अभित्यक्त नहीं हो जाता–

यदि किसी वाद का कोई पक्षकार स्वप्रेरणा से ही या अन्यथा उसमें साक्ष्य देता है तो यह न समझा जाएगा कि तद्द्वारा उसने ऐसे प्रकटन के लिए, जैसा धारा 126 में वर्णित है, सम्मति दे दी है, तथा यदि किसी वाद या कार्यवाही का कोई पक्षकार ऐसे किसी बैरिस्टर, प्लीडर, अटर्नी या वकील को साक्षी के रूप में बुलाता है, तो यह कि उसने ऐसे प्रकटन के लिए अपनी सम्मति दे दी है केवल तभी समझा जाएगा, जबकि वह ऐसे बैरिस्टर, अटर्नी या वकील से उन बातों के बारे में प्रश्न करे, जिनके प्रकटन के लिए वह ऐसे प्रश्नों के अभाव में स्वाधीन न होता।

Privilege not waived by volunteering evidence-
If any party to a suit gives evidence therein at his own instance or otherwise, he shall not be deemed to have consented, thereby to such disclosure as is mentioned in Section 126; and if any party to a suit or proceeding calls any such barrister, pleader, attorney or vakil as a witness, he shall be deemed to have consented to such disclosure only if he questions such barrister, attorney or vakil on matters which, but for such question, he would not be at liberty to disclose.

हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 128 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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