नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 14 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 14, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 14 का विवरण
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 14 के अन्तर्गत जब किसी मामले में कोई मानसिक अथवा शारीरिक संवेदना को अस्तित्व साबित करने वाले तथ्य दिख रहे हो, इसके अलावा जैसे आशय, ज्ञान, सद्भाव, उपेक्षा, उतावलापन देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह व्यक्ति सत्य कह रहा है अथवा असत्य। तो वह तथ्य भीं साक्ष्य का रूप ले सकेंगे।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 14 के अनुसार
मन या शरीर की दशा या शारीरिक संवेदना का अस्तित्व दर्शित करने वाले तथ्य–
मन की कोई भी दशा जैसे आशय, ज्ञान, सद्भाव, उपेक्षा, उतावलापन, किसी विशिष्ट व्यक्ति के प्रति वैमनस्य या सदिच्छा दर्शित करने वाले अथवा शरीर की या शारीरिक संवेदना की किसी दशा का अस्तित्व दर्शित करने वाले तथ्य तब सुसंगत हैं, जबकि ऐसी मन की या शरीर की या शारीरिक संवेदना की किसी ऐसी दशा का अस्तित्व विवाद्य या सुसंगत है।
Facts showing existence of state of mind, or of body or bodily feeling-
Facts showing the existence of any state of mind, such as intention, knowledge, good faith, negligence, rashnesss, ill-will or good-will towards any particular person, or showing the existence of any state of body or bodily feeling, are relevant, when the existence of any such state of mind or body or bodily feeling, is in issue are relevant.
हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 14 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।