नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 146 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 146, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 146 का विवरण
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 146 के अन्तर्गत जब किसी साक्षी से प्रतिपरीक्षा की जाती है, तब उससे एतस्मिन्पूर्व निर्दिष्ट प्रश्नों के अतिरिक्त ऐसे कोई भी प्रश्न पूछे जा सकेंगे, जिनकी प्रवृत्ति उसकी सत्यवादिता परखने की है, यह पता चलाने की है कि वह कौन है और जीवन में उसकी स्थिति क्या है, अथवा उसके शील को दोष लगाकर उसकी विश्वसनीयता को धक्का पहुंचाने की है, चाहे ऐसे प्रश्नों का उत्तर उसे प्रत्यक्षतः या परोक्षतः अपराध में फँसाने की प्रवृत्ति रखता हो।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 146 के अनुसार
प्रतिपरीक्षा में विधिपूर्ण प्रश्न-
जबकि किसी साक्षी से प्रतिपरीक्षा की जाती है, तब उससे एतस्मिन्पूर्व निर्दिष्ट प्रश्नों के अतिरिक्त ऐसे कोई भी प्रश्न पूछे जा सकेंगे, जिनकी प्रवृत्ति-
(1) उसकी सत्यवादिता परखने की है,
(2) यह पता चलाने की है कि वह कौन है और जीवन में उसकी स्थिति क्या है, अथवा
(3) उसके शील को दोष लगाकर उसकी विश्वसनीयता को धक्का पहुंचाने की है, चाहे ऐसे प्रश्नों का उत्तर उसे प्रत्यक्षतः या परोक्षतः अपराध में फँसाने की प्रवृत्ति रखता हो, या उसे किसी शास्ति या समपहरण के लिए उच्छन्न करता हो या प्रत्यक्षतः या परोक्षतः उच्छन्न करने की प्रवृत्ति रखता हो।
Questions lawful in cross-examination-
When a witness is cross examined, he may, in addition to the questions hereinbefore referred to, be asked any questions which tend-
(1) to test his veracity,
(2) to discover who he is and what is his position in life, or
(3) to shake his credit, by injuring his character, although the answer to such questions might tend directly or indirectly to criminate him or might expose or tend directly or indirectly to expose him to a penalty or forfeiture.
परन्तुक भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) की धारा 376 [धारा 376क, धारा 376 कख, धारा 376ख, धारा 376ग, धारा 376घ, धारा 376घक, धारा 376घख] या धारा 376ङ के अधीन अपराध के या किसी ऐसे अपराध को कारित करने के प्रयत्न के अभियोजन में, जहां सम्मति का प्रश्न विवादग्रस्त है, यह अनुज्ञेय नहीं होगा कि ऐसी सम्मति या सम्मति की गुणवत्ता को साबित करने के लिये किसी व्यक्ति के साथ ऐसी पीड़िता के सामान्य अनैतिक चरित्र या पूर्व लैंगिक अनुभव के सम्बन्ध में उससे साक्ष्य पेश कराया जाये या प्रतिपरीक्षा में प्रश्न पूछे जायें।
हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 146 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।